- English(1) The State shall not discriminate against any citizen on grounds only of religion, race, caste, sex, place of birth or any of them.
(2) No citizen shall, on grounds only of religion, race, caste, sex, place of birth or any of them, be subject to any disability, liability, restriction or condition with regard to—
(a) access to shops, public restaurants, hotels and places of public entertainment; or
(b) the use of wells, tanks, bathing ghats, roads and places of public resort maintained wholly or partly out of State funds or dedicated to the use of the general public.
(3) Nothing in this article shall prevent the State from making any special provision for women and children.
(4) Nothing in this article or in clause (2) of article 29 shall prevent the State from making any special provision for the advancement of any socially and educationally backward classes of citizens or for the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes.
(5) Nothing in this article or in sub-clause (g) of clause (1) of article 19 shall prevent the State from making any special provision, by law, for the advancement of any socially and educationally backward classes of citizens or for the Scheduled Castes or the Scheduled Tribes in so far as such special provisions relate to their admission to educational institutions including private educational institutions, whether aided or unaided by the State, other than the minority educational institutions referred to in clause (1) of article 30.
(6) Nothing in this article or sub-clause (g) of clause (1) of article 19 or clause (2) of article 29 shall prevent the State from making,—
(a) any special provision for the advancement of any economically weaker sections of citizens other than the classes mentioned in clauses (4) and (5);
… (Art. 15) - Hindi(1) राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
(2) कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर निम्नलिखित के संबंध में किसी भी निर्योग्यता, दायित्व, निर्बंधन या शर्त के अधीन नहीं होगा—
(क) दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश; या
(ख) पूर्णत: या भागत: राज्य-निधि से पोषित या साधारण जनता के प्रयोग के लिए समर्पित कुओं, तालाबों, स्नानघाटों, सड़कों और सार्वजनिक समागम के स्थानों के उपयोग।
(3) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को स्त्रियों और बालकों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
(4) इस अनुच्छेद की या अनुच्छेद 29 के खंड (2) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
(5) इस अनुच्छेद या अनुच्छेद 19 के खंड (1) के उपखंड (छ) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के लिए, विधि द्वारा, कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी, जहां तक ऐसे विशेष उपबंध, अनुच्छेद 30 के खंड (1) में निर्दिष्ट अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थाओं से भिन्न, शिक्षा संस्थाओं में, जिनके अंतर्गत प्राइवेट शिक्षा संस्थाएं भी हैं, चाहे वे राज्य से सहायता प्राप्त हों या नहीं, प्रवेश से संबंधित हैं।
(6) इस अनुच्छेद या अनुच्छेद 19 के खंड (1) के उपखंड (छ) या अनुच्छेद 29 के खंड (2) में कोई बात राज्य को निम्नलिखित प्रावधान करने से निवारित नहीं करेगी,—
(क) खंड (4) और (5) में उल्लिखित श्रेणियों के अतिरिक्त नागरिकों के किन्हीं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की उन्नति के लिए कोई विशेष प्रावधान;
… (अनुच्छेद 15)
- English(1) There shall be equality of opportunity for all citizens in matters relating to employment or appointment to any office under the State.
(2) No citizen shall, on grounds only of religion, race, caste, sex, descent, place of birth, residence or any of them, be ineligible for, or discriminated against in respect of, any employment or office under the State.
…
(4) Nothing in this article shall prevent the State from making any provision for the reservation of appointments or posts in favour of any backward class of citizens which, in the opinion of the State, is not adequately represented in the services under the State.
(4A) Nothing in this article shall prevent the State from making any provision for reservation in matters of promotion, with consequential seniority, to any class or classes of posts in the services under the State in favour of the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes which, in the opinion of the State, are not adequately represented in the services under the State.
…
(6) Nothing in this article shall prevent the State from making any provision for the reservation of appointments or posts in favour of any economically weaker sections of citizens other than the classes mentioned in clause (4), in addition to the existing reservation and subject to a maximum of ten per cent. of the posts in each category. (Art. 16) - Hindi(1) राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन या नियुक्ति से संबंधित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समता होगी।
(2) राज्य के अधीन किसी नियोजन या पद के संबंध में केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उद्भव, जन्मस्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर न तो कोई नागरिक अपात्र होगा और न उससे विभेद किया जाएगा।
...
(4) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को पिछड़े हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
(4क) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, राज्य के अधीन सेवाओं में किसी वर्ग या वर्गों के पदों पर, पारिणामिक ज्येष्ठता सहित, प्रोन्नति के मामलों में आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
...
(6) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को खंड (4) में उल्लिखित वर्गों के अतिरिक्त किन्हीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के पक्ष में वर्तमान आरक्षण के अतिरिक्त और प्रत्येक श्रेणी में पदों के अधिकतम दस प्रतिशत के शर्ताधीन नियुक्तियों अथवा पदों में आरक्षण का कोई प्रावधान करने से निवारित नहीं करेगी। (अनुच्छेद 16)
- EnglishAt the commencement of this Constitution, every person who has his domicile in the territory of India and—
(a) who was born in the territory of India; or
(b) either of whose parents was born in the territory of India; or
(c) who has been ordinarily resident in the territory of India for not less than five years immediately preceding such commencement,
shall be a citizen of India. (Art. 5) - Hindiइस संविधान के प्रारंभ पर प्रत्येक व्यक्ति जिसका भारत के राज्यक्षेत्र में अधिवास है और—
(क) जो भारत के राज्यक्षेत्र में जन्मा था; या
(ख) जिसके माता या पिता में से कोई भारत के राज्यक्षेत्र में जन्मा था; या
(ग) जो ऐसे प्रारंभ से ठीक पहले कम से कम पाँच वर्ष तक भारत के राज्यक्षेत्र में मामूली तौर से निवासी रहा है,
भारत का नागरिक होगा। (अनुच्छेद 5)
- EnglishNotwithstanding anything in article 5, a person who has migrated to the territory of India from the territory now included in Pakistan shall be deemed to be a citizen of India at the commencement of this Constitution if—
(a) he or either of his parents or any of his grand-parents was born in India as defined in the Government of India Act, 1935 (as originally enacted);
… (Art. 6) - Hindiअनुच्छेद 5 में किसी बात के होते हुए भी, कोई व्यक्ति जिसने ऐसे राज्यक्षेत्र से जो इस समय पाकिस्तान के अंतर्गत है, भारत के राज्यक्षेत्र को प्रव्रजन किया है, इस संविधान के प्रारंभ पर भारत का नागरिक समझा जाएगा—
(क) यदि वह अथवा उसके माता या पिता में से कोई अथवा उसके पितामह या पितामही या मातामह या मातामही में से कोई (मूल रूप में यथा अधिनियमित) भारत शासन अधिनियम, 1935 में परिभाषित भारत में जन्मा था;
… (अनुच्छेद 6)
- EnglishNotwithstanding anything in article 5, any person who or either of whose parents or any of whose grand-parents was born in India as defined in the Government of India Act, 1935 (as originally enacted), and who is ordinarily residing in any country outside India as so defined shall be deemed to be a citizen of India if he has been registered as a citizen of India by the diplomatic or consular representative of India in the country where he is for the time being residing on an application made by him therefor to such diplomatic or consular representative, whether before or after the commencement of this Constitution, in the form and manner prescribed by the Government of the Dominion of India or the Government of India. (Art. 8)
- Hindiअनुच्छेद 5 में किसी बात के होते हुए भी, कोई व्यक्ति जो या जिसके माता या पिता में से कोई अथवा पितामह या पितामही या मातामह या मातामही में से कोई (मूल रूप में यथा अधिनियमित) भारत शासन अधिनियम, 1935 में परिभाषित भारत में जन्मा था जो और जो इस प्रकार परिभाषित भारत के बाहर किसी देश में मामूली तौर से निवास कर रहा है, भारत का नागरिक समझा जाएगा, यदि वह नागरिकता प्राप्ति के लिए भारत डोमिनियन की सरकार द्वारा या भारत सरकार द्वारा विहित प्रारूप में और रीति से अपने द्वारा उस देश में, जहां वह तत्समय निवास कर रहा है, भारत के राजनयिक या कौंसलीय प्रतिनिधि को इस संविधान के प्रारंभ से पहले या उसके पश्चात आवेदन किए जाने पर ऐसे राजनयिक या कौंसलीय प्रतिनिधि द्वारा भारत का नागरिक रजिस्ट्रीकृत कर लिया गया है। (अनुच्छेद 8)
- EnglishNo person shall be a citizen of India by virtue of article 5, or be deemed to be a citizen of India by virtue of article 6 or article 8, if he has voluntarily acquired the citizenship of any foreign State. (Art. 9)
- Hindiयदि किसी व्यक्ति ने किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित कर ली है तो वह अनुच्छेद 5 के आधार पर भारत का नागरिक नहीं होगा अथवा अनुच्छेद 6 या अनुच्छेद 8 के आधार पर भारत का नागरिक नहीं समझा जाएगा। (अनुच्छेद 9)
- EnglishEvery person who is or is deemed to be a citizen of India under any of the foregoing provisions of this Part shall, subject to the provisions of any law that may be made by Parliament, continue to be such citizen. (Art. 10)
- Hindiप्रत्येक व्यक्ति, जो इस भाग के पूर्वगामी उपबंधों में से किसी के अधीन भारत का नागरिक है या समझा जाता है, ऐसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए, जो संसद द्वारा बनाई जाए, भारत का नागरिक बना रहेगा। (अनुच्छेद 10)
- EnglishNothing in the foregoing provisions of this Part shall derogate from the power of Parliament to make any provision with respect to the acquisition and termination of citizenship and all other matters relating to citizenship. (Art. 11)
- Hindiइस भाग के पूर्वगामी उपबंधों की कोई बात नागरिकता के अर्जन और समाप्ति के तथा नागरिकता से संबंधित अन्य सभी विषयों के संबंध में उपबंध करने की संसद की शक्ति का अल्पीकरण नहीं करेगी। (अनुच्छेद 11)
- EnglishCitizenship, naturalisation and aliens. (Seventh Schedule: List I – Union List, Art. 17)
- Hindiनागरिकता, समीकरण और विदेशी। (सातवीं अनुसूची: सूची I – संघ सूची, अनुच्छेद 17)
- English(1) An appeal shall lie to the Supreme Court from any judgment, decree or final order of a High Court in the territory of India, whether in a civil, criminal or other proceeding, if the High Court certifies under article 134A that the case involves a substantial question of law as to the interpretation of this Constitution.
...
(3) Where such a certificate is given, any party in the case may appeal to the Supreme Court on the ground that any such question as aforesaid has been wrongly decided. (Art. 132) - Hindi(1) भारत के राज्यक्षेत्र में किसी उच्च न्यायालय की सिविल, दांडिक या अन्य कार्यवाही में दिए गए किसी निर्णय, डिक्री या अंतिम आदेश की अपील उच्चतम न्यायालय में होगी यदि वह उच्च न्यायालय अनुच्छेद 134क के अधीन प्रमाणित कर देता है कि उस मामले में इस संविधान के निर्वाचन के बारे में विधि का कोई सारवान प्रश्न अंतर्वलित है।
...
(3) जहां ऐसा प्रमाणपत्र दे दिया गया है वहाँ उस मामले में कोई पक्षकार इस आधार पर उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकेगा कि पूर्वोक्त किसी प्रश्न का विनिश्चय गलत किया गया है। (अनुच्छेद 132)
- English(1) An appeal shall lie to the Supreme Court from any judgment, decree or final order in a civil proceeding of a High Court in the territory of India if the High Court certifies under article 134A-
(a) that the case involves a substantial question of law of general importance; and
(b) that in the opinion of the High Court the said question needs to be decided by the Supreme Court.
(2) Notwithstanding anything in article 132, any party appealing to the Supreme Court under clause (1) may urge as one of the grounds in such appeal that a substantial question of law as to the interpretation of this Constitution has been wrongly decided.
(3) Notwithstanding anything in this article, no appeal shall, unless Parliament by law otherwise provides, lie to the Supreme Court from the judgment, decree or final order of one Judge of a High Court. (Art. 133) - Hindi(1) भारत के राज्यक्षेत्र में किसी उच्च न्यायालय की सिविल कार्यवाही में दिए गए किसी निर्णय, डिक्री या अंतिम आदेश की अपील उच्चतम न्यायालय में होगी यदि उच्च न्यायालय अनुच्छेद 134क के अधीन प्रमाणित कर देता है कि-
(क) उस मामले में विधि का व्यापक महत्व का कोई सारवान प्रश्न अंतर्वलित है; और
(ख) उच्च न्यायालय की राय में उस प्रश्न का उच्चतम न्यायालय द्वारा विनिश्चय आवश्यक है।
(2) अनुच्छेद 132 में किसी बात के होते हुए भी, उच्चतम न्यायालय में खंड (1) के अधीन अपील करने वाला कोई पक्षकार ऐसी अपील के आधारों में यह आधार भी बता सकेगा कि इस संविधान के निर्वचन के बारे में विधि के किसी सारवान प्रश्न का विनिश्चय गलत किया गया है।
(3) इस अनुच्छेद में किसी बात के होते हुए भी, उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के निर्णय, डिक्री या अंतिम आदेश की अपील उच्चतम न्यायालय में तब तक नहीं होगी जब तक संसद विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करे। (अनुच्छेद 133)
- EnglishIf the High Court is satisfied that a case pending in a court subordinate to it involves a substantial question of law as to the interpretation of this Constitution the determination of which is necessary for the disposal of the case, it shall withdraw the case and may—
(a) either dispose of the case itself, or
(b) determine the said question of law and return the case to the court from which the case has been so withdrawn together with a copy of its judgment on such question, and the said court shall on receipt thereof proceed to dispose of the case in conformity with such judgment. (Art. 228) - Hindiयदि उच्च न्यायालय का यह समाधान हो जाता है कि उसके अधीनस्थ किसी न्यायालय में लंबित किसी मामले में इस संविधान के निर्वचन के बारे में विधि का कोई सारवान प्रश्न अंतर्वलित है जिसका अवधारण मामले के निपटारे के लिए आवश्यक है तो वह उस मामले को अपने पास मंगा लेगा और—
(क) मामले को स्वयं निपटा सकेगा, या
(ख) उक्त विधि के प्रश्न का अवधारण कर सकेगा और उस मामले को ऐसे प्रश्न पर निर्णय की प्रतिलिपि सहित उस न्यायालय को, जिससे मामला इस प्रकार मंगा लिया गया है, लौटा सकेगा और उक्त न्यायालय उसके प्राप्त होने पर उस मामले को ऐसे निर्णय के अनुरूप निपटाने के लिए आगे कार्यवाही करेगा। (अनुच्छेद 228)
- English(1) The State shall not discriminate against any citizen on grounds only of religion, race, caste, sex, place of birth or any of them.
(2) No citizen shall, on grounds only of religion, race, caste, sex, place of birth or any of them, be subject to any disability, liability, restriction or condition with regard to—
(a) access to shops, public restaurants, hotels and places of public entertainment; or
(b) the use of wells, tanks, bathing ghats, roads and places of public resort maintained wholly or partly out of State funds or dedicated to the use of the general public.
...
(6) Nothing in this article or sub-clause (g) of clause (1) of article 19 or clause (2) of article 29 shall prevent the State from making,—
...
(b) any special provision for the advancement of any economically weaker sections of citizens other than the classes mentioned in clauses (4) and (5) in so far as such special provisions relate to their admission to educational institutions including private educational institutions, whether aided or unaided by the State, other than the minority educational institutions referred to in clause (1) of article 30, which in the case of reservation would be in addition to the existing reservations and subject to a maximum of ten per cent. of the total seats in each category. (Art. 15) - Hindi(1) राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
(2) कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर निम्नलिखित के संबंध में किसी भी निर्योग्यता, दायित्व, निर्बंधन या शर्त के अधीन नहीं होगा—
(क) दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश; या
(ख) पूर्णत: या भागत: राज्य-निधि से पोषित या साधारण जनता के प्रयोग के लिए समर्पित कुओं, तालाबों, स्नानघाटों, सड़कों और सार्वजनिक समागम के स्थानों के उपयोग।
...
(6) इस अनुच्छेद या अनुच्छेद 19 के खंड (1) के उपखंड (छ) या अनुच्छेद 29 के खंड (2) में कोई बात राज्य को निम्नलिखित प्रावधान करने से निवारित नहीं करेगी,—
...
(ख) खंड (4) और (5) में उल्लिखित श्रेणियों के अतिरिक्त नागरिकों के किन्हीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की उन्नति के लिए कोई विशेष प्रावधान जहां तक ऐसे विशेष प्रावधान अनुच्छेद 30 के खंड (1) में निर्दिष्ट अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थाओं से भिन्न, शिक्षा संस्थाओं में, जिनके अंतर्गत प्राइवेट शिक्षा संस्थाएं भी हैं, चाहे वे राज्य से सहायता प्राप्त हों या नहीं, प्रवेश से संबंधित हैं, जो आरक्षण के मामले में वर्तमान आरक्षण के अतिरिक्त होगा और प्रत्येक श्रणी में कुल सीटों के अधिकतम दस प्रतिशत के शर्ताधीन होगा। (अनुच्छेद 15)
- EnglishThe State shall provide free and compulsory education to all children of the age of six to fourteen years in such manner as the State may, by law, determine. (Art. 21A)
- Hindiराज्य, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले सभी बालकों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने का ऐसी रीति में, जो राज्य विधि द्वारा, अवधारित करे, उपबंध करेगा। (अनुच्छेद 21क)
- English…
(2) No citizen shall be denied admission into any educational institution maintained by the State or receiving aid out of State funds on grounds only of religion, race, caste, language or any of them. (Art. 29) - Hindi…
(2) राज्य द्वारा पोषित या राज्य-निधि से सहायता पाने वाली किसी शिक्षा संस्था में प्रवेश से किसी भी नागरिक को केवल धर्म, मूलवंश, जाति, भाषा या इनमें से किसी के आधार पर वंचित नहीं किया जाएगा। (अनुच्छेद 29)
- English
The State shall, within the limits of its economic capacity and development, make effective provision for securing the right ... to education ... (Art. 41)
- Hindi
राज्य अपनी आर्थिक सामर्थ्य और विकास की सीमाओं के भीतर, ... शिक्षा ... पाने के अधिकार को प्राप्त करने का प्रभावी उपबंध करेगा। (अनुच्छेद 41)
- EnglishThe State shall endeavour to provide early childhood care and education for all children until they complete the age of six years. (Art. 45)
- Hindiराज्य, सभी बालकों के लिए छह वर्ष की आयु पूरी करने तक, प्रारंभिक बाल्यावस्था देख-रेख और शिक्षा देने के लिए उपबंध करने का प्रयास करेगा। (अनुच्छेद 45)
- EnglishIt shall be the duty of every citizen of India—
…
(k) who is a parent or guardian to provide opportunities for education to his child or, as the case may be, ward between the age of six and fourteen years. (Art. 51A) - Hindiभारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह—
…
(ट) यदि माता-पिता या संरक्षक है, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने, यथास्थिति, बालक या प्रतिपाल्य के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करे। (अनुच्छेद 51क)
- EnglishEducation, including technical education, medical education and universities, … vocational and technical training of labour. (Seventh Schedule: List III – Concurrent List, Art. 25)
- Hindiशिक्षा, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा तथा विश्वविद्यालयों, .... श्रमिकों के व्यावसायिक तथा तकनीकी प्रशिक्षण सहित। (सातवीं अनुसूची: सूची III – समवर्ती सूची, अनुच्छेद 25)
- English(1) There shall be equality of opportunity for all citizens in matters relating to employment or appointment to any office under the State.
(2) No citizen shall, on grounds only of religion, race, caste, sex, descent, place of birth, residence or any of them, be ineligible for, or discriminated against in respect of, any employment or office under the State.
(3) Nothing in this article shall prevent Parliament from making any law prescribing, in regard to a class or classes of employment or appointment to an office under the Government of, or any local or other authority within, a State or Union territory, any requirement as to residence within that State or Union territory prior to such employment or appointment.
(4) Nothing in this article shall prevent the State from making any provision for the reservation of appointments or posts in favour of any backward class of citizens which, in the opinion of the State, is not adequately represented in the services under the State.
…
(6) Nothing in this article shall prevent the State from making any provision for the reservation of appointments or posts in favour of any economically weaker sections of citizens other than the classes mentioned in clause (4), in addition to the existing reservation and subject to a maximum of ten per cent. of the posts in each category. (Art. 16) - Hindi(1) राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन या नियुक्ति से संबंधित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समता होगी।
(2) राज्य के अधीन किसी नियोजन या पद के संबंध में केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उद्भव, जन्मस्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर न तो कोई नागरिक अपात्र होगा और न उससे विभेद किया जाएगा।
(3) इस अनुच्छेद की कोई बात संसद को कोई ऐसी विधि बनाने से निवारित नहीं करेगी जो किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र की सरकार के या उसमें के किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन वाले किसी वर्ग या वर्गों के पद पर नियोजन या नियुक्ति के संबंध में ऐसे नियोजन या नियुक्ति से पहले उस राज्य या संघ राज्य क्षेत्र के भीतर निवास विषयक कोई अपेक्षा विहित करती है।
(4) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को पिछड़े हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
...
(6) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को खंड (4) में उल्लिखित वर्गों के अतिरिक्त किन्हीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के पक्ष में वर्तमान आरक्षण के अतिरिक्त और प्रत्येक श्रेणी में पदों के अधिकतम दस प्रतिशत के शर्ताधीन नियुक्तियों अथवा पदों में आरक्षण का कोई प्रावधान करने से निवारित नहीं करेगी। (अनुच्छेद 16)
- EnglishThe State shall, in particular, direct its policy towards securing—
(a) that the citizens, men and women equally, have the right to an adequate means of livelihood;
…
(d) that there is equal pay for equal work for both men and women;
(e) that the health and strength of workers, men and women, and the tender age of children are not abused and that citizens are not forced by economic necessity to enter avocations unsuited to their age or strength;
… (Art. 39) - Hindiराज्य अपनी नीति का, विशिष्टतया, इस प्रकार संचालन करेगा कि सुनिश्चित रूप से—
(क) पुरुष और स्त्री सभी नागरिकों को समान रूप से जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त करने का अधिकार हो;
…
(घ) पुरुषों और स्त्रियों दोनों का समान कार्य के लिए समान वेतन हो;
(ड.) पुरुष और स्त्री कर्मकारों के स्वास्थ्य और शक्ति का तथा बालकों की सुकुमार अवस्था का दुरुपयोग न हो और आर्थिक आवश्यकता से विवश होकर नागरिकों को ऐसे रोजगारों में न जाना पड़े जो उनकी आयु या शक्ति के अनुकूल न हों;
… (अनुच्छेद 39)
- English
The State shall, within the limits of its economic capacity and development, make effective provision for securing the right to work, ... and to public assistance in cases of unemployment, ... (Art. 41)
- Hindi
राज्य अपनी आर्थिक सामर्थ्य और विकास की सीमाओं के भीतर, काम पाने के, .... और बेकारी, ... की दशाओं में लोक सहायता पाने के अधिकार को प्राप्त कराने का प्रभावी उपबंध करेगा, … (अनुच्छेद 41)
- EnglishThe State shall make provision for securing just and humane conditions of work and for maternity relief. (Art. 42)
- Hindiराज्य काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं को सुनिश्चित करने के लिए और प्रसूति सहायता के लिए उपबंध करेगा। (अनुच्छेद 42)
- EnglishThe State shall endeavour to secure, by suitable legislation or economic organisation or in any other way, to all workers, agricultural, industrial or otherwise, work, a living wage, conditions of work ensuring a decent standard of life and full enjoyment of leisure and social and cultural opportunities and, in particular, the State shall endeavour to promote cottage industries on an individual or co-operative basis in rural areas. (Art. 43)
- Hindiराज्य, उपयुक्त विधान या आर्थिक संगठन द्वारा या किसी अन्य रीति से कृषि के, उद्योग के या अन्य प्रकार के सभी कर्मकारों को काम, निर्वाह मजदूरी, शिष्ट जीवनस्तर और अवकाश का संपूर्ण उपभोग सुनिश्चित करने वाली काम की दशाएँ तथा सामाजिक और सांस्कृतिक अवसर प्राप्त कराने का प्रयास करेगा और विशिष्टतया ग्रामों में कुटीर उद्योगों को वैयक्तिक या सहकारी आधार पर बढ़ाने का प्रयास करेगा। (अनुच्छेद 43)
- English
...
(23) Social security and social insurance; employment and unemployment.
(24) Welfare of labour including conditions of work, provident funds, employers' liability, workmen's compensation, invalidity and old age pensions and maternity benefits.
... (Seventh Schedule: List III – Concurrent List) - Hindi
...
(23) सामाजिक सुरक्षा और सामाजिक बीमा; रोजगार और बेरोजगारी।
(24) काम की स्थितियों, भविष्य निधि, नियोक्ता की ज़िम्मेदारी, कार्मिक की प्रतिपूर्ति, असमर्थता तथा वृद्धावस्था पेंशन और प्रसूति लाभों सहित श्रमिकों का कल्याण।
... (सातवीं अनुसूची: सूची III – समवर्ती सूची)
- EnglishWE, THE PEOPLE OF INDIA, having solemnly resolved to constitute India into a SOVEREIGN SOCIALIST SECULAR DEMOCRATIC REPUBLIC and to secure to all its citizens:
...
EQUALITY of status and of opportunity;
… (Preamble) - Hindiहम, भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को:
…
स्थिति और अवसरों की की समानता;
… (उद्देशिका)
- EnglishThe State shall not deny to any person equality before the law or the equal protection of the laws within the territory of India. (Art. 14)
- Hindiराज्य, भारत के राज्यक्षेत्र में किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता से या विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा। (अनुच्छेद 14)
- English(1) The State shall not discriminate against any citizen on grounds only of religion, race, caste, sex, place of birth or any of them.
(2) No citizen shall, on grounds only of religion, race, caste, sex, place of birth or any of them, be subject to any disability, liability, restriction or condition with regard to—
(a) access to shops, public restaurants, hotels and places of public entertainment; or
(b) the use of wells, tanks, bathing ghats, roads and places of public resort maintained wholly or partly out of State funds or dedicated to the use of the general public.
(3) Nothing in this article shall prevent the State from making any special provision for women and children.
(4) Nothing in this article or in clause (2) of article 29 shall prevent the State from making any special provision for the advancement of any socially and educationally backward classes of citizens or for the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes.
(5) Nothing in this article or in sub-clause (g) of clause (1) of article 19 shall prevent the State from making any special provision, by law, for the advancement of any socially and educationally backward classes of citizens or for the Scheduled Castes or the Scheduled Tribes in so far as such special provisions relate to their admission to educational institutions including private educational institutions, whether aided or unaided by the State, other than the minority educational institutions referred to in clause (1) of article 30.
(6) Nothing in this article or sub-clause (g) of clause (1) of article 19 or clause (2) of article 29 shall prevent the State from making,—
(a) any special provision for the advancement of any economically weaker sections of citizens other than the classes mentioned in clauses (4) and (5); and
(b) any special provision for the advancement of any economically weaker sections of citizens other than the classes mentioned in clauses (4) and (5) in so far as such special provisions relate to their admission to educational institutions including private educational institutions, whether aided or unaided by the State, other than the minority educational institutions referred to in clause (1) of article 30, which in the case of reservation would be in addition to the existing reservations and subject to a maximum of ten per cent. of the total seats in each category. (Art. 15) - Hindi(1) राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
(2) कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर निम्नलिखित के संबंध में किसी भी निर्योग्यता, दायित्व, निर्बंधन या शर्त के अधीन नहीं होगा—
(क) दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश; या
(ख) पूर्णत: या भागत: राज्य-निधि से पोषित या साधारण जनता के प्रयोग के लिए समर्पित कुओं, तालाबों, स्नानघाटों, सड़कों और सार्वजनिक समागम के स्थानों के उपयोग।
(3) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को स्त्रियों और बालकों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
(4) इस अनुच्छेद की या अनुच्छेद 29 के खंड (2) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
(5) इस अनुच्छेद या अनुच्छेद 19 के खंड (1) के उपखंड (छ) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के लिए, विधि द्वारा, कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी, जहां तक ऐसे विशेष उपबंध, अनुच्छेद 30 के खंड (1) में निर्दिष्ट अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थाओं से भिन्न, शिक्षा संस्थाओं में, जिनके अंतर्गत प्राइवेट शिक्षा संस्थाएं भी हैं, चाहे वे राज्य से सहायता प्राप्त हों या नहीं, प्रवेश से संबंधित हैं।
(6) इस अनुच्छेद या अनुच्छेद 19 के खंड (1) के उपखंड (छ) या अनुच्छेद 29 के खंड (2) में कोई बात राज्य को निम्नलिखित प्रावधान करने से निवारित नहीं करेगी, —
(क) खंड (4) और (5) में उल्लिखित श्रेणियों के अतिरिक्त नागरिकों के किन्हीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की उन्नति के लिए कोई विशेष प्रावधान; और
(ख) खंड (4) और (5) में उल्लिखित श्रेणियों के अतिरिक्त नागरिकों के किन्हीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की उन्नति के लिए कोई विशेष प्रावधान जहां तक ऐसे विशेष प्रावधान अनुच्छेद 30 के खंड (1) में निर्दिष्ट अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थाओं से भिन्न, शिक्षा संस्थाओं में, जिनके अंतर्गत प्राइवेट शिक्षा संस्थाएं भी हैं, चाहे वे राज्य से सहायता प्राप्त हों या नहीं, प्रवेश से संबंधित हैं, जो आरक्षण के मामले में वर्तमान आरक्षण के अतिरिक्त होगा और प्रत्येक श्रणी में कुल सीटों के अधिकतम दस प्रतिशत के शर्ताधीन होगा। (अनुच्छेद 15)
- English...
(2) The State shall, in particular, strive to minimise the inequalities in income, and endeavour to eliminate inequalities in status, facilities and opportunities, not only amongst individuals but also amongst groups of people residing in different areas or engaged in different vocations. (Art. 38) - Hindi...
(2) राज्य, विशिष्टतया, आय की असमानताओं को कम करने का प्रयास करेगा और न केवल व्यक्तियों के बीच बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले और विभिन्न व्यवसायों में लगे हुए लोगों के समूहों के बीच भी प्रतिष्ठा, सुविधाओं और अवसरों की असमानता समाप्त करने का प्रयास करेगा। (अनुच्छेद 38)
- EnglishIt shall be the duty of every citizen of India—
…
(e) to promote harmony and the spirit of common brotherhood amongst all the people of India transcending religious, linguistic and regional or sectional diversities; to renounce practices derogatory to the dignity of women;
… (Art. 51A) - Hindiभारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह—
...
(ड.) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो; ऐसी प्रथाओं को त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध है;
… (अनुच्छेद 51क)
- English(1) All laws in force in the territory of India immediately before the commencement of this Constitution, in so far as they are inconsistent with the provisions of this Part3, shall, to the extent of such inconsistency, be void.
(2) The State shall not make any law which takes away or abridges the rights conferred by this Part and any law made in contravention of this clause shall, to the extent of the contravention, be void.
… (Art. 13) - Hindi(1) इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले भारत के राज्यक्षेत्र में प्रवृत्त सभी विधियाँ उस मात्रा तक शून्य होंगी जिस तक वे इस भाग के उपबंधों से असंगत हैं।
(2) राज्य ऐसी कोई विधि नहीं बनाएगा जो इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को छीनती है या न्यून करती है और इस खंड के उल्लंघन में बनाई गई प्रत्येक विधि उल्लंघन की मात्रा तक शून्य होगी।
… (अनुच्छेद 13)
- English(1) The right to move the Supreme Court by appropriate proceedings for the enforcement of the rights conferred by this Part4 is guaranteed.
(2) The Supreme Court shall have power to issue directions or orders or writs, including writs in the nature of habeas corpus, mandamus, prohibition, quo warranto and certiorari, whichever may be appropriate, for the enforcement of any of the rights conferred by this Part.
(3) Without prejudice to the powers conferred on the Supreme Court by clauses (1) and (2), Parliament may by law empower any other court to exercise within the local limits of its jurisdiction all or any of the powers exercisable by the Supreme Court under clause (2).
(4) The right guaranteed by this article shall not be suspended except as otherwise provided for by this Constitution. (Art. 32) - Hindi(1) इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए समुचित कार्यवाहियों द्वारा उच्चतम न्यायालय में समावेदन करने का अधिकार प्रत्याभूत किया जाता है।
(2) इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों में से किसी को प्रवर्तित कराने के लिए उच्चतम न्यायालय को ऐसे निदेश या आदेश या रिट, जिनके अंतर्गत बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार-पृष्छा और उत्प्रेषण रिट हैं, जो भी समुचित हो, निकालने की शक्ति होगी।
(3) उच्चतम न्यायालय को खंड (1) और खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, संसद, उच्चतम न्यायालय द्वारा खंड (2) के अधीन प्रयोक्तव्य किन्हीं या सभी शक्तियों का किसी अन्य न्यायालय को अपनी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर प्रयोग करने के लिए विधि द्वारा सशक्त कर सकेगी।
(4) इस संविधान द्वारा अन्यथा उपबंधित के सिवाय, इस अनुच्छेद द्वारा प्रत्याभूत अधिकार निलंबित नहीं किया जाएगा। (अनुच्छेद 32)
- English(1) Notwithstanding anything in article 32, every High Court shall have power, throughout the territories in relation to which it exercises jurisdiction, to issue to any person or authority, including in appropriate cases, any Government, within those territories directions, orders or writs, including writs in the nature of habeas corpus, mandamus, prohibition, quo warranto and certiorari, or any of them, for the enforcement of any of the rights conferred by Part III and for any other purpose.
…
(4) The power conferred on a High Court by this article shall not be in derogation of the power conferred on the Supreme Court by clause (2) of article 32. (Art. 226) - Hindi(1) अनुच्छेद 32 में किसी बात के होते हुए भी प्रत्येक उच्च न्यायालय को उन राज्यक्षेत्रों में सर्वत्र, जिनके संबंध में वह अपनी अधिकारिता का प्रयोग करता है, भाग III द्वारा प्रदत्त अधिकारों में से किसी को प्रवर्तित कराने के लिए और किसी अन्य प्रयोजन के लिए उन राज्यक्षेत्रों के भीतर किसी व्यक्ति या प्राधिकारी को या समुचित मामलों में किसी सरकार को ऐसे निदेश, आदेश या रिट जिनके अंतर्गत बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार-पृष्छा और उत्प्रेषण रिट हैं, या उनमें से कोई निकालने की शक्ति होगी।
…
(4) इस अनुच्छेद द्वारा उच्च न्यायालय को प्रदत्त शक्ति से, अनुच्छेद 32 के खंड (2) द्वारा उच्चतम न्यायालय को प्रदत्त शक्ति का अल्पीकरण नहीं होगा। (अनुच्छेद 226)
- English(1) The State shall not discriminate against any citizen on grounds only of religion, race, caste, sex, place of birth or any of them.
…
(4) Nothing in this article or in clause (2) of article 29 shall prevent the State from making any special provision for the advancement of any socially and educationally backward classes of citizens or for the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes.
(5) Nothing in this article or in sub-clause (g) of clause (1) of article 19 shall prevent the State from making any special provision, by law, for the advancement of any socially and educationally backward classes of citizens or for the Scheduled Castes or the Scheduled Tribes in so far as such special provisions relate to their admission to educational institutions including private educational institutions, whether aided or unaided by the State, other than the minority educational institutions referred to in clause (1) of article 30.
… (Art. 15) - Hindi(1) राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
…
(4) इस अनुच्छेद की या अनुच्छेद 29 के खंड (2) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
(5) इस अनुच्छेद या अनुच्छेद 19 के खंड (1) के उपखंड (छ) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के लिए, विधि द्वारा, कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी, जहां तक ऐसे विशेष उपबंध, अनुच्छेद 30 के खंड (1) में निर्दिष्ट अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थाओं से भिन्न, शिक्षा संस्थाओं में, जिनके अंतर्गत प्राइवेट शिक्षा संस्थाएं भी हैं, चाहे वे राज्य से सहायता प्राप्त हों या नहीं, प्रवेश से संबंधित हैं।
… (अनुच्छेद 15)
- English…
(2) No citizen shall, on grounds only of religion, race, caste, sex, descent, place of birth, residence or any of them, be ineligible for, or discriminated against in respect of, any employment or office under the State.
…
(4) Nothing in this article shall prevent the State from making any provision for the reservation of appointments or posts in favour of any backward class of citizens which, in the opinion of the State, is not adequately represented in the services under the State.
(4A) Nothing in this article shall prevent the State from making any provision for reservation in matters of promotion, with consequential seniority, to any class or classes of posts in the services under the State in favour of the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes which, in the opinion of the State, are not adequately represented in the services under the State.
… (Art. 16) - Hindi...
(2) राज्य के अधीन किसी नियोजन या पद के संबंध में केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उद्भव, जन्मस्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर न तो कोई नागरिक अपात्र होगा और न उससे विभेद किया जाएगा।
...
(4) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को पिछड़े हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
(4क) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, राज्य के अधीन सेवाओं में किसी वर्ग या वर्गों के पदों पर, पारिणामिक ज्येष्ठता सहित, प्रोन्नति के मामलों में आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
… (अनुच्छेद 16)
- English(1) Any section of the citizens residing in the territory of India or any part thereof having a distinct language, script or culture of its own shall have the right to conserve the same.
(2) No citizen shall be denied admission into any educational institution maintained by the State or receiving aid out of State funds on grounds only of religion, race, caste, language or any of them. (Art. 29) - Hindi(1) भारत के राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के निवासी नागरिकों के किसी अनुभाग को, जिसकी अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति है, उसे बनाए रखने का अधिकार होगा।
(2) राज्य द्वारा पोषित या राज्य-निधि से सहायता पाने वाली किसी शिक्षा संस्था में प्रवेश से किसी भी नागरिक को केवल धर्म, मूलवंश, जाति, भाषा या इनमें से किसी के आधार पर वंचित नहीं किया जाएगा। (अनुच्छेद 29)
- EnglishThe State shall promote with special care the educational and economic interests of the weaker sections of the people, and, in particular, of the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes, and shall protect them from social injustice and all forms of exploitation. (Art. 46)
- Hindiराज्य, जनता के दुर्बल वर्गों के, विशिष्टतया, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की विशेष सावधानी से अभिवृद्धि करेगा और सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण से उनकी संरक्षा करेगा। (अनुच्छेद 46)
- English(1) Seats shall be reserved for—
(a) the Scheduled Castes; and
(b) the Scheduled Tribes,
in every Panchayat and the number of seats so reserved shall bear, as nearly as may be, the same proportion to the total number of seats to be filled by direct election in that Panchayat as the population of the Scheduled Castes in that Panchayat area or of the Scheduled Tribes in that Panchayat area bears to the total population of that area and such seats may be allotted by rotation to different constituencies in a Panchayat.
… (Art. 243D) - Hindi(1) प्रत्येक पंचायत में—
(क) अनुसूचित जातियों; और
(ख) अनुसूचित जनजातियों,
के लिए स्थान आरक्षित रहेंगे और इस प्रकार आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात, उस पंचायत क्षेत्र में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या से यथाशक्य वही होगा जो उस पंचायत में अनुसूचित जातियों की अथवा उस पंचायत क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अनुपात उस क्षेत्र की कुल जनसंख्या से है और ऐसे स्थान किसी पंचायत के भिन्न-भिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को चक्रानुक्रम से आबंटित किए जा सकेंगे।
… (अनुच्छेद 243घ)
- English(1) Seats shall be reserved for the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes in every Municipality and the number of seats so reserved shall bear, as nearly as may be, the same proportion to the total number of seats to be filled by direct election in that Municipality as the population of the Scheduled Castes in the Municipal area or of the Scheduled Tribes in the Municipal area bears to the total population of that area and such seats may be allotted by rotation to different constituencies in a Municipality.
… (Art. 243T) - Hindi(1) प्रत्येक नगरपालिका में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थान आरक्षित रहेंगे और इस प्रकार आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात, उस नगरपालिका में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या से यथाशक्य वही होगा जो उस नगरपालिका क्षेत्र में अनुसूचित जातियों की अथवा उस नगरपालिका क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अनुपात उस क्षेत्र की कुल जनसंख्या से है और ऐसे स्थान किसी नगरपालिका के भिन्न-भिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को चक्रानुक्रम से आबंटित किए जा सकेंगे।
… (अनुच्छेद 243न)
- English(1) Seats shall be reserved in the House of the People for—
(a) the Scheduled Castes;
(b) the Scheduled Tribes except the Scheduled Tribes in the autonomous districts of Assam; and
(c) the Scheduled Tribes in the autonomous districts of Assam.
… (Art. 330) - Hindi(1) लोक सभा में निम्नलिखित के लिए स्थान आरक्षित रहेंगे—
(क) अनुसूचित जातियों के लिए;
(ख) असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों को छोड़ कर अन्य अनुसूचित जनजातियों के लिए; और
(ग) असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों के लिए।
… (अनुच्छेद 330)
- English(1) Seats shall be reserved for the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes, except the Scheduled Tribes in the autonomous districts of Assam, in the Legislative Assembly of every State.
… (Art. 332) - Hindi(1) प्रत्येक राज्य की विधान सभा में अनुसूचित जातियों के लिए और असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों को छोड़ कर अन्य अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थान आरक्षित रहेंगे।
… (अनुच्छेद 332)
- EnglishThe claims of the members of the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes shall be taken into consideration, consistently with the maintenance of efficiency of administration, in the making of appointments to services and posts in connection with the affairs of the Union or of a State:
Provided that nothing in this article shall prevent in making of any provision in favour of the members of the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes for relaxation in qualifying marks in any examination or lowering the standards of evaluation, for reservation in matters or promotion to any class or classes of services or posts in connection with the affairs of the Union or of a State. (Art. 335) - Hindiसंघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से संबंधित सेवाओं और पदों के लिए नियुक्तियाँ करने में, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के दावों का, प्रशासन की दक्षता बनाए रखने की संगति के अनुसार ध्यान रखा जाएगा:
परंतु इस अनुच्छेद की कोई बात अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के पक्ष में, संघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से संबंधित सेवाओं के किसी वर्ग या वर्गों में या पदों पर प्रोन्नति के मामलों में आरक्षण के लिए, किसी परीक्षा में अर्हक अंकों में छूट देने या मूल्यांकन के मानकों को घटाने के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी। (अनुच्छेद 335)
- English(1) There shall be a Commission for the Scheduled Tribes to be known as the National Commission for the Scheduled Tribes.
…
(5) It shall be the duty of the Commission:
(a) to investigate and monitor all matters relating to the safeguards provided for the Scheduled Tribes under this Constitution or under any other law for the time being in force or under any order of the Government and to evaluate the working of such safeguards;
(b) to inquire into specific complaints with respect to the deprivation of rights and safeguards of the Scheduled Tribes;
(c) to participate and advise on the planning process of socioeconomic development of the Scheduled Tribes and to evaluate the progress of their development under the Union and any State;
(d) to present to the President, annually and at such other times as the Commission may deem fit, reports upon the working of those safeguards;
(e) to make in such reports recommendation as to the measures that should be taken by the Union or any State for the effective implementation of those safeguards and other measures for the protection, welfare and socio-economic development of the Scheduled Tribes; and
(f) to discharge such other functions in relation to the protection, welfare and development and advancement of the Scheduled Tribes as the President may, subject to the provisions of any law made by Parliament, by rule specify.
… (Art. 338A) - Hindi(1) अनुसूचित जनजातियों के लिए एक आयोग होगा, जो राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के नाम से ज्ञात होगा।
...
(5) आयोग का यह कर्तव्य होगा कि वह:
(क) अनुसूचित जनजातियों के लिए इस संविधान या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि या सरकार के किसी आदेश के अधीन उपबंधित रक्षोपायों से संबंधित सभी विषयों का अन्वेषण करे और उन पर निगरानी रखे तथा ऐसे रक्षोपायों के कार्यकरण का मूल्यांकन करे;
(ख) अनुसूचित जनजातियों को उनके अधिकारों और रक्षोपायों से वंचित करने की बाबत विनिर्दिष्ट शिकायतों की जांच करे;
(ग) अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक-आर्थिक विकास की योजना प्रक्रिया में भाग ले और उन पर सलाह दे तथा संघ और किसी राज्य के अधीन उनके विकास की प्रगति का मूल्यांकन करे;
(घ) उन रक्षोपायों के कार्यकरण के बारे में प्रतिवर्ष, और ऐसे अन्य समयों पर, जो आयोग ठीक समझे, राष्ट्रपति को रिपोर्ट प्रस्तुत करे;
(ड.) ऐसे रिपोर्ट में उन उपायों के बारे में जो उन रक्षोपायों के प्रभावपूर्ण कार्यान्वयन के लिए संघ या किसी राज्य द्वारा किए जाने चाहिए, तथा अनुसूचित जनजातियों के संरक्षण, कल्याण और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अन्य उपायों के बारे में सिफ़ारिश करे; और
(च) अनुसूचित जनजातियों के संरक्षण, कल्याण, और विकास तथा उन्नयन के संबंध में ऐसे अन्य कृत्यों का निर्वहन करे जो राष्ट्रपति, संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए, नियम द्वारा विनिर्दिष्ट करे।
… (अनुच्छेद 338क)
- English(1) There shall be established in each State having Scheduled Areas therein and, if the President so directs, also in any State having Scheduled Tribes but not Scheduled Areas therein, a Tribes Advisory Council consisting of not more than twenty members of whom, as nearly as may be, three-fourths shall be the representatives of the Scheduled Tribes in the Legislative Assembly of the State:
Provided that if the number of representatives of the Scheduled Tribes in the Legislative Assembly of the State is less than the number of seats in the Tribes Advisory Council to be filled by such representatives, the remaining seats shall be filled by other members of those tribes.
(2) It shall be the duty of the Tribes Advisory Council to advise on such matters pertaining to the welfare and advancement of the Scheduled Tribes in the State as may be referred to them by the Governor. (Fifth Schedule: Provisions as to the Administration and Control of Scheduled Areas and Scheduled Tribes, Part B - Art. 4) - Hindi(1) अनुसूचित क्षेत्रों वाले प्रत्येक राज्य में और, यदि राष्ट्रपति निर्देश दे, और ऐसे राज्य में भी जहां अनुसूचित जनजातियाँ हैं परंतु अनुसूचित क्षेत्र नहीं हैं, अधिकतम बीस सदस्यों वाली एक जनजाति सलाहकार समिति स्थापित की जाएगी, जिसमें यथासंभव तीन-चौथाई सदस्य उस राज्य की विधान सभा के प्रतिनिधि होंगे:
बशर्ते कि राज्य की विधान सभा में जनजातियों के प्रतिनिधियों की संख्या जनजाति सलाहकार परिषद में ऐसे प्रतिनिधियों से भरे जाने वाली सीटों की संख्या से कम है तो शेष सीटें उन जनजातियों के अन्य सदस्यों से भरी जाएंगी।
(2) जनजाति सलाहकार परिषद का यह कर्तव्य होगा कि वह राज्यपाल द्वारा उन्हें भेजे गए राज्य में अनुसूचित जातियों के कल्याण तथा प्रोन्नति से संबंधित मामलों में सलाह दे। (पाँचवी अनुसूची: अनुसूचित क्षेत्रों तथा अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन तथा नियंत्रण से संबंधित प्रावधान, भाग-ख – अनुच्छेद 4)
- English…
(2) The State shall not make any law which takes away or abridges the rights conferred by this Part and any law made in contravention of this clause shall, to the extent of the contravention, be void.
… (Art. 13) - Hindi...
(2) राज्य ऐसी कोई विधि नहीं बनाएगा जो इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को छीनती है या न्यून करती है और इस खंड के उल्लंघन में बनाई गई प्रत्येक विधि उल्लंघन की मात्रा तक शून्य होगी।
… (अनुच्छेद 13)
- EnglishNotwithstanding anything contained in article 13, no law giving effect to the policy of the State towards securing all or any of the principles laid down in Part IV5 shall be deemed to be void on the ground that it is inconsistent with, or takes away or abridges any of the rights conferred by article 14 or article 19; and no law containing a declaration that it is for giving effect to such policy shall be called in question in any court on the ground that it does not give effect to such policy:
Provided that where such law is made by the Legislature of a State, the provisions of this article shall not apply thereto unless such law, having been reserved for the consideration of the President, has received his assent. (Art. 31C) - Hindiअनुच्छेद 13 में किसी बात के होते हुए भी, कोई विधि, जो भाग 4 में अधिकथित सभी या किन्हीं तत्वों को सुनिश्चित करने के लिए राज्य की नीति को प्रभावी करने वाली है, इस आधार पर शून्य नहीं समझी जाएगी कि वह अनुच्छेद 14 या अनुच्छेद 19 द्वारा प्रदत्त अधिकारों में से किसी से असंगत है या उसे छीनती है या न्यून करती है; और कोई विधि, जिसमें यह घोषणा है कि वह ऐसी नीति को प्रभावी करने के लिए है, किसी न्यायालय में इस आधार पर प्रश्नगत नहीं की जाएगी कि वह ऐसी नीति को प्रभावी नहीं करती है:
परंतु जहां ऐसी विधि किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई जाती है वहाँ इस अनुच्छेद के उपबंध उस विधि को तब तक लागू नहीं होंगे जब तक ऐसी विधि को, जो राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रखी गई है, उसकी अनुमति प्राप्त नहीं हो गई है। (अनुच्छेद 31ग)
- English(1) While a Proclamation of Emergency declaring that the security of India or any part of the territory thereof is threatened by war or by external aggression is in operation, nothing in article 19 shall restrict the power of the State as defined in Part III6 to make any law or to take any executive action which the State would but for the provisions contained in that Part be competent to make or to take, but any law so made shall, to the extent of the incompetency, cease to have effect as soon as the Proclamation ceases to operate, except as respects things done or omitted to be done before the law so ceases to have effect:
… (Art. 358) - Hindi(1) जब युद्ध या बाह्य आक्रमण के कारण भारत या उसके राज्यक्षेत्र के किसी भाग की सुरक्षा के संकट में होने की घोषणा करने वाली आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब अनुच्छेद 19 की कोई बात भाग III में यथा परिभाषित राज्य की कोई ऐसी विधि बनाने की या कोई ऐसी कार्यपालिका कार्रवाई करने की शक्ति को, जिसे वह राज्य उस भाग में अंतर्विष्ट उपबंधों के अभाव में बनाने या करने के लिए सक्षम होता, निर्बंधित नहीं करेगी, किन्तु इस प्रकार बनाई गई कोई विधि उद्घोषणा के प्रवर्तन में न रहने पर अक्षमता की मात्रा तक उन बातों के सिवाय तुरंत प्रभावहीन हो जाएगी, जिन्हें विधि के इस प्रकार प्रभावहीन होने के पहले किया गया है या करने का लोप किया गया है:
… (अनुच्छेद 358)
- English(1) Where a Proclamation of Emergency is in operation, the President may by order declare that the right to move any court for the enforcement of such of the rights conferred by Part III (except articles 20 and 21) as may be mentioned in the order and all proceedings pending in any court for the enforcement of the rights so mentioned shall remain suspended for the period during which the Proclamation is in force or for such shorter period as may be specified in the order.
(1A) While an order made under clause (1) mentioning any of the rights conferred by Part III (except articles 20 and 21) is in operation, nothing in that Part conferring those rights shall restrict the power of the State as defined in the said Part to make any law or to take any executive action which the State would but for the provisions contained in that Part be competent to make or to take, but any law so made shall, to the extent of the incompetency, cease to have effect as soon as the order aforesaid ceases to operate, except as respects things done or omitted to be done before the law so ceases to have effect:
Provided that where a Proclamation of Emergency is in operation only in any part of the territory of India, any such law may be made, or any such executive action may be taken, under this article in relation to or in any State or Union territory in which or in any part of which the Proclamation of Emergency is not in operation, if and in so far as the security of India or any part of the territory thereof is threatened by activities in or in relation to the part of the territory of India in which the Proclamation of Emergency is in operation.
… (Art. 359) - Hindi(1) जहां आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है वहाँ राष्ट्रपति, आदेश द्वारा यह घोषणा कर सकेगा कि अनुच्छेद 20 और अनुच्छेद 21 को छोड़ कर भाग 3 द्वारा प्रदत्त ऐसे अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए, जो उस आदेश में उल्लिखित किए जाएँ, किसी न्यायालय को समावेदन करने का आधिकार और इस प्रकार उल्लिखित अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए किसी न्यायालय में लंबित सभी कार्यवाहियाँ उस अवधि के लिए जिसके दौरान उद्घोषणा प्रवृत्त रहती है या उससे लघुतर ऐसी अवधि के लिए जो आदेश में विनिर्दिष्ट की जाए, निलंबित रहेंगी।
(1क) जब अनुच्छेद 20 और अनुच्छेद 21 को छोड़ कर भाग 3 द्वारा प्रदत्त किन्हीं अधिकारों को उल्लिखित करने वाला खंड (1) के अधीन किया गया आदेश प्रवर्तन में है तब उस भाग में उन अधिकारों को प्रदान करने वाली कोई बात उस भाग में यथापरिभाषित राज्य की कोई विधि बनाने की या कोई ऐसी कार्यपालिका कार्रवाई करने की शक्ति को, जिसे वह राज्य उस भाग में अंतर्विष्ट उपबंधों के अभाव में बनाने या करने के लिए सक्षम होता, निर्बंधित नहीं करेगी, किन्तु इस प्रकार बनाई गई कोई विधि पूर्वोक्त आदेश के प्रवर्तन में रहने पर अक्षमता की मात्रा तक उन बातों के सिवाय तुरंत प्रभावहीन हो जाएगी, जिन्हें विधि के इस प्रकार प्रभावहीन होने के पहले किया गया है या करने का लोप किया गया है:
परंतु जहां आपात की उद्घोषणा भारत के राज्यक्षेत्र के केवल किसी भाग में प्रवर्तन में है वहाँ, यदि और जहां तक भारत या उसके राज्यक्षेत्र के किसी भाग की सुरक्षा, भारत के राज्यक्षेत्र के उस भाग में या उसके संबंध में, जिसमें आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है, होने वाले क्रियाकलाप के कारण संकट में है तो और वहाँ तक, ऐसे राज्य या संघ राज्यक्षेत्र में या उसके संबंध में, जिसमें या जिसके किसी भाग में आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में नहीं है, इस अनुच्छेद के अधीन ऐसी कोई विधि बनाई जा सकेगी या ऐसी कोई कार्यपालिका कार्रवाई की जा सकेगी।
… (अनुच्छेद 359)
- EnglishThe State shall make provision for securing just and humane conditions of work and for maternity relief. (Art. 42)
- Hindiराज्य काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं को सुनिश्चित करने के लिए और प्रसूति सहायता के लिए उपबंध करेगा। (अनुच्छेद 42)
- EnglishIt shall be the duty of every citizen of India—
…
(k) who is a parent or guardian to provide opportunities for education to his child or, as the case may be, ward between the age of six and fourteen years. (Art. 51A) - Hindiभारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह—
…
(ट) यदि माता-पिता या संरक्षक है, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने, यथास्थिति, बालक या प्रतिपाल्य के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करे। (अनुच्छेद 51क)
- English(1) The Regional Council for an autonomous region in respect of all areas within such region and the District Council for an autonomous district in respect of all areas within the district except those which are under the authority of Regional Councils, if any, within the district shall have power to make laws with respect to—
…
(i) marriage and divorce;
… (Sixth Schedule: Provisions as to the Administration of Tribal Areas in the States of Assam, Meghalaya, Tripura and Mizoram, Art. 3) - Hindi(1) किसी स्वायत्त क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय परिषद के पास ऐसे क्षेत्र के अंदर और एक स्वायत्त जिले के लिए जिला परिषद के पास उस जिले के अंदर क्षेत्रीय परिषदों के प्राधिकार में आने वाले क्षेत्रों, यदि कोई हों, को छोड़ कर उस जिले के अंदर सभी क्षेत्रों के संबंध में निम्नलिखित के संबंध में कानून बनाने का अधिकार होगा—
...
(झ) विवाह और तलाक;
… (छठी अनुसूची: असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के संबंध में प्रावधान, अनुच्छेद 3)
- English…
(5) Marriage and divorce; infants and minors; adoption; wills, intestacy and succession; joint family and partition; all matters in respect of which parties in judicial proceedings were immediately before the commencement of this Constitution subject to their personal law.
…
(20A) Population control and family planning.
… (Seventh Schedule: List III – Concurrent List) - Hindi...
(5) विवाह और तलाक; शिशु और नाबालिग; गोद लेना; वसीयत, निर्वासीयतता और उत्तराधिकार; संयुक्त परिवार और विभाजन; सभी मामले जिनके संबंध में न्यायिक कार्यवाहियाँ इस संविधान के लागू होने से पहले उनके व्यक्तिगत कानून के अधीन थीं।
...
(20क) जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन।
… (सातवीं अनुसूची: सूची III – समवर्ती सूची)
- English(1) The State shall not discriminate against any citizen on grounds only of religion, race, caste, sex, place of birth or any of them.
…
(4) Nothing in this article or in clause (2) of article 29 shall prevent the State from making any special provision for the advancement of any socially and educationally backward classes of citizens or for the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes.
(5) Nothing in this article or in sub-clause (g) of clause (1) of article 19 shall prevent the State from making any special provision, by law, for the advancement of any socially and educationally backward classes of citizens or for the Scheduled Castes or the Scheduled Tribes in so far as such special provisions relate to their admission to educational institutions including private educational institutions, whether aided or unaided by the State, other than the minority educational institutions referred to in clause (1) of article 30.
… (Art. 15) - Hindi(1) राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
...
(4) इस अनुच्छेद की या अनुच्छेद 29 के खंड (2) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
(5) इस अनुच्छेद या अनुच्छेद 19 के खंड (1) के उपखंड (छ) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के लिए, विधि द्वारा, कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी, जहां तक ऐसे विशेष उपबंध, अनुच्छेद 30 के खंड (1) में निर्दिष्ट अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थाओं से भिन्न, शिक्षा संस्थाओं में, जिनके अंतर्गत प्राइवेट शिक्षा संस्थाएं भी हैं, चाहे वे राज्य से सहायता प्राप्त हों या नहीं, प्रवेश से संबंधित हैं।
… (अनुच्छेद 15)
- English…
(2) No citizen shall, on grounds only of religion, race, caste, sex, descent, place of birth, residence or any of them, be ineligible for, or discriminated against in respect of, any employment or office under the State.
…
(4) Nothing in this article shall prevent the State from making any provision for the reservation of appointments or posts in favour of any backward class of citizens which, in the opinion of the State, is not adequately represented in the services under the State.
(4A) Nothing in this article shall prevent the State from making any provision for reservation in matters of promotion, with consequential seniority, to any class or classes of posts in the services under the State in favour of the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes which, in the opinion of the State, are not adequately represented in the services under the State.
… (Art. 16) - Hindi...
(2) राज्य के अधीन किसी नियोजन या पद के संबंध में केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उद्भव, जन्मस्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर न तो कोई नागरिक अपात्र होगा और न उससे विभेद किया जाएगा।
...
(4) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को पिछड़े हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
(4क) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, राज्य के अधीन सेवाओं में किसी वर्ग या वर्गों के पदों पर, पारिणामिक ज्येष्ठता सहित, प्रोन्नति के मामलों में आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
… (अनुच्छेद 16)
- English“Untouchability” is abolished and its practice in any form is forbidden. The enforcement of any disability arising out of “Untouchability” shall be an offence punishable in accordance with law. (Art. 17)
- Hindi“अस्पृश्यता” का अंत किया जाता है और इसका किसी भी रूप में आचरण निषिद्ध किया जाता है। “अस्पृश्यता” से उपजी किसी निर्योग्यता को लागू करना अपराध होगा जो विधि के अनुसार दंडनीय होगा। (अनुच्छेद 17)
- English(1) Any section of the citizens residing in the territory of India or any part thereof having a distinct language, script or culture of its own shall have the right to conserve the same.
(2) No citizen shall be denied admission into any educational institution maintained by the State or receiving aid out of State funds on grounds only of religion, race, caste, language or any of them. (Art. 29) - Hindi(1) भारत के राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के निवासी नागरिकों के किसी अनुभाग को, जिसकी अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति है, उसे बनाए रखने का अधिकार होगा।
(2) राज्य द्वारा पोषित या राज्य-निधि से सहायता पाने वाली किसी शिक्षा संस्था में प्रवेश से किसी भी नागरिक को केवल धर्म, मूलवंश, जाति, भाषा या इनमें से किसी के आधार पर वंचित नहीं किया जाएगा। (अनुच्छेद 29)
- English(1) All minorities, whether based on religion or language, shall have the right to establish and administer educational institutions of their choice.
…
(2) The State shall not, in granting aid to educational institutions, discriminate against any educational institution on the ground that it is under the management of a minority, whether based on religion or language. (Art. 30) - Hindi(1) धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक-वर्गों को अपनी रूचि कि शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा।
...
(2) शिक्षा संस्थाओं को सहायता देने में राज्य किसी शिक्षा संस्था के विरुद्ध इस आधार पर विभेद नहीं करेगा कि वह धर्म या भाषा पर आधारित किसी अल्पसंख्यक-वर्ग के प्रबंध में है। (अनुच्छेद 30)
- EnglishThe State shall promote with special care the educational and economic interests of the weaker sections of the people, and, in particular, of the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes, and shall protect them from social injustice and all forms of exploitation. (Art. 46)
- Hindiराज्य, जनता के दुर्बल वर्गों के, विशिष्टतया, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की विशेष सावधानी से अभिवृद्धि करेगा और सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण से उनकी संरक्षा करेगा। (अनुच्छेद 46)
- English(1) Seats shall be reserved for—
(a) the Scheduled Castes; and
(b) the Scheduled Tribes,
in every Panchayat and the number of seats so reserved shall bear, as nearly as may be, the same proportion to the total number of seats to be filled by direct election in that Panchayat as the population of the Scheduled Castes in that Panchayat area or of the Scheduled Tribes in that Panchayat area bears to the total population of that area and such seats may be allotted by rotation to different constituencies in a Panchayat.
… (Art. 243D) - Hindi(1) प्रत्येक पंचायत में—
(क) अनुसूचित जातियों; और
(ख) अनुसूचित जनजातियों,
के लिए स्थान आरक्षित रहेंगे और इस प्रकार आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात, उस पंचायत क्षेत्र में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या से यथाशक्य वही होगा जो उस पंचायत में अनुसूचित जातियों की अथवा उस पंचायत क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अनुपात उस क्षेत्र की कुल जनसंख्या से है और ऐसे स्थान किसी पंचायत के भिन्न-भिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को चक्रानुक्रम से आबंटित किए जा सकेंगे।
… (अनुच्छेद 243घ)
- English(1) Seats shall be reserved for the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes in every Municipality and the number of seats so reserved shall bear, as nearly as may be, the same proportion to the total number of seats to be filled by direct election in that Municipality as the population of the Scheduled Castes in the Municipal area or of the Scheduled Tribes in the Municipal area bears to the total population of that area and such seats may be allotted by rotation to different constituencies in a Municipality.
… (Art. 243T) - Hindi(1) प्रत्येक नगरपालिका में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थान आरक्षित रहेंगे और इस प्रकार आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात, उस नगरपालिका में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या से यथाशक्य वही होगा जो उस नगरपालिका क्षेत्र में अनुसूचित जातियों की अथवा उस नगरपालिका क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अनुपात उस क्षेत्र की कुल जनसंख्या से है और ऐसे स्थान किसी नगरपालिका के भिन्न-भिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को चक्रानुक्रम से आबंटित किए जा सकेंगे।
… (अनुच्छेद 243न)
- English(1) Seats shall be reserved in the House of the People for—
(a) the Scheduled Castes;
(b) the Scheduled Tribes except the Scheduled Tribes in the autonomous districts of Assam; and
(c) the Scheduled Tribes in the autonomous districts of Assam.
… (Art. 330) - Hindi(1) लोक सभा में निम्नलिखित के लिए स्थान आरक्षित रहेंगे—
(क) अनुसूचित जातियों के लिए;
(ख) असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों को छोड़ कर अन्य अनुसूचित जनजातियों के लिए; और
(ग) असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों के लिए।
… (अनुच्छेद 330)
- English(1) Seats shall be reserved for the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes, except the Scheduled Tribes in the autonomous districts of Assam, in the Legislative Assembly of every State.
… (Art. 332) - Hindi(1) प्रत्येक राज्य की विधान सभा में, अनुसूचित जातियों के लिए और असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों को छोड़ कर अन्य अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थान आरक्षित रहेंगे।
… (अनुच्छेद 332)
- EnglishThe claims of the members of the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes shall be taken into consideration, consistently with the maintenance of efficiency of administration, in the making of appointments to services and posts in connection with the affairs of the Union or of a State:
Provided that nothing in this article shall prevent in making of any provision in favour of the members of the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes for relaxation in qualifying marks in any examination or lowering the standards of evaluation, for reservation in matters or promotion to any class or classes of services or posts in connection with the affairs of the Union or of a State. (Art. 335) - Hindiसंघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से संबंधित सेवाओं और पदों के लिए नियुक्तियाँ करने में, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के दावों का, प्रशासन की दक्षता बनाए रखने की संगति के अनुसार ध्यान रखा जाएगा:
परंतु इस अनुच्छेद की कोई बात अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के पक्ष में, संघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से संबंधित सेवाओं के किसी वर्ग या वर्गों में या पदों पर प्रोन्नति के मामलों में आरक्षण के लिए, किसी परीक्षा में अर्हक अंकों में छूट देने या मूल्यांकन के मानकों को घटाने के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी। (अनुच्छेद 335)
- English(1) There shall be a Commission for the Scheduled Castes to be known as the National Commission for the Scheduled Castes.
…
(5) It shall be the duty of the Commission—
(a) to investigate and monitor all matters relating to the safeguards provided for the Scheduled Castes under this Constitution or under any other law for the time being in force or under any order of the Government and to evaluate the working of such safeguards;
(b) to inquire into specific complaints with respect to the deprivation of rights and safeguards of the Scheduled Castes;
(c) to participate and advise on the planning process of socioeconomic development of the Scheduled Castes and to evaluate the progress of their development under the Union and any State;
(d) to present to the President, annually and at such other times as the Commission may deem fit, reports upon the working of those safeguards;
(e) to make in such reports recommendations as to the measures that should be taken by the Union or any State for the effective implementation of those safeguards and other measures for the protection. welfare and socioeconomic development of the Scheduled Castes; and
(f) to discharge such other functions in relation to the protection, welfare and development and advancement of the Scheduled Castes as the President may, subject to the provisions of any law made by Parliament, by rule specify.
… (Art. 338) - Hindi(1) अनुसूचित जातियों के लिए एक आयोग होगा जो राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के नाम से ज्ञात होगा।
...
(5) आयोग का यह कर्तव्य होगा कि वह—
(क) अनुसूचित जातियों के लिए इस संविधान या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि या सरकार के किसी आदेश के अधीन उपबंधित रक्षोपायों से संबंधित सभी विषयों का अन्वेषण करे और उन पर निगरानी रखे तथा ऐसे रक्षोपायों के कार्यकरण का मूल्यांकन करे;
(ख) अनुसूचित जातियों को उनके अधिकारों और रक्षोपायों से वंचित करने की बाबत विनिर्दिष्ट शिकायतों की जांच करे;
(ग) अनुसूचित जातियों के सामाजिक-आर्थिक विकास की योजना प्रक्रिया में भाग ले और उन पर सलाह दे तथा संघ और किसी राज्य के अधीन उनके विकास की प्रगति का मूल्यांकन करे;
(घ) उन रक्षोपायों के कार्यकरण के बारे में प्रतिवर्ष, और ऐसे अन्य समयों पर, जो आयोग ठीक समझे, राष्ट्रपति को प्रतिवेदन दे;
(ड.) ऐसे प्रतिवेदनों में उन उपायों के बारे में जो उन रक्षोपायों के प्रभावपूर्ण कार्यान्वयन के लिए संघ या किसी राज्य द्वारा किए जाने चाहिए, तथा अनुसूचित जातियों के संरक्षण, कल्याण और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अन्य उपायों के बारे में सिफ़ारिशें करे; और
(च) अनुसूचित जातियों के संरक्षण, कल्याण, विकास तथा उन्नयन के संबंध में ऐसे अन्य कृत्यों का निर्वहन करे जो राष्ट्रपति, संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए, नियम द्वारा विनिर्दिष्ट करे।
… (अनुच्छेद 338)
- EnglishIt shall be the endeavour of every State and of every local authority within the State to provide adequate facilities for instruction in the mother-tongue at the primary stage of education to children belonging to linguistic minority groups; and the President may issue such directions to any State as he considers necessary or proper for securing the provision of such facilities. (Art. 350A)
- Hindiप्रत्येक राज्य और राज्य के भीतर प्रत्येक स्थानीय प्राधिकारी भाषाई अल्पसंख्यक-वर्गों के बालकों को शिक्षा के प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की पर्याप्त सुविधाओं की व्यवस्था करने का प्रयास करेगा और राष्ट्रपति किसी राज्य को ऐसे निदेश दे सकेगा जो वह ऐसी सुविधाओं का उपबंध सुनिश्चित कराने के लिए आवश्यक या उचित समझता है। (अनुच्छेद 350क)
- English(1) There shall be equality of opportunity for all citizens in matters relating to employment or appointment to any office under the State.
(2) No citizen shall, on grounds only of religion, race, caste, sex, descent, place of birth, residence or any of them, be ineligible for, or discriminated against in respect of, any employment or office under the State.
(3) Nothing in this article shall prevent Parliament from making any law prescribing, in regard to a class or classes of employment or appointment to an office under the Government of, or any local or other authority within, a State or Union territory, any requirement as to residence within that State or Union territory prior to such employment or appointment.
(4) Nothing in this article shall prevent the State from making any provision for the reservation of appointments or posts in favour of any backward class of citizens which, in the opinion of the State, is not adequately represented in the services under the State.
…
(6) Nothing in this article shall prevent the State from making any provision for the reservation of appointments or posts in favour of any economically weaker sections of citizens other than the classes mentioned in clause (4), in addition to the existing reservation and subject to a maximum of ten per cent. of the posts in each category. (Art. 16) - Hindi(1) राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन या नियुक्ति से संबंधित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समता होगी।
(2) राज्य के अधीन किसी नियोजन या पद के संबंध में केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उद्भव, जन्मस्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर न तो कोई नागरिक अपात्र होगा और न उससे विभेद किया जाएगा।
(3) इस अनुच्छेद की कोई बात संसद को कोई ऐसी विधि बनाने से निवारित नहीं करेगी जो किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र की सरकार के या उसमें के किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन वाले किसी वर्ग या वर्गों के पद पर नियोजन या नियुक्ति के संबंध में ऐसे नियोजन या नियुक्ति से पहले उस राज्य या संघ राज्य क्षेत्र के भीतर निवास विषयक कोई अपेक्षा विहित करती है।
(4) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को पिछड़े हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
...
(6) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को खंड (4) में उल्लिखित वर्गों के अतिरिक्त किन्हीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के पक्ष में वर्तमान आरक्षण के अतिरिक्त और प्रत्येक श्रेणी में पदों के अधिकतम दस प्रतिशत के शर्ताधीन नियुक्तियों अथवा पदों में आरक्षण का कोई प्रावधान करने से निवारित नहीं करेगी। (अनुच्छेद 16)
- English(1) All citizens shall have the right—
…
(c) to form associations or unions or co-operatives societies;
… (Art. 19) - Hindi1) सभी नागरिकों को अधिकार है—
…
(ग) संगम या संघ या सहकारी सोसाइटी बनाने का;
… (अनुच्छेद 19)
- EnglishThere shall be one general electoral roll for every territorial constituency for election to either House of Parliament or to the House or either House of the Legislature of a State and no person shall be ineligible for inclusion in any such roll or claim to be included in any special electoral roll for any such constituency on grounds only of religion, race, caste, sex or any of them. (Art. 325)
- Hindiसंसद के प्रत्येक सदन या किसी राज्य के विधान-मंडल के सदन या प्रत्येक सदन के लिए निर्वाचन के लिए प्रत्येक प्रादेशिक निर्वाचन-क्षेत्र के लिए एक साधारण निर्वाचक-नामावली होगी और केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या इनमें से किसी के आधार पर कोई व्यक्ति ऐसी किसी नामावली में सम्मिलित किए जाने के लिए अपात्र नहीं होगा या ऐसे किसी निर्वाचन-क्षेत्र के लिए किसी विशेष निर्वाचक-नामावली में सम्मिलित किए जाने का दावा नहीं करेगा। (अनुच्छेद 325)
- EnglishThe elections to the House of the People and to the Legislative Assembly of every State shall be on the basis of adult suffrage; that is to say, every person who is a citizen of India and who is not less than eighteen years of age on such date as may be fixed in that behalf by or under any law made by the appropriate Legislature and is not otherwise disqualified under this Constitution or any law made by the appropriate Legislature on the ground of non-residence, unsoundness of mind, crime or corrupt or illegal practice, shall be entitled to be registered as a voter at any such election. (Art. 326)
- Hindiलोक सभा और प्रत्येक राज्य की विधान सभा के लिए निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर होंगे अर्थात प्रत्येक व्यक्ति, जो भारत का नागरिक है और ऐसी तारीख को, जो समुचित विधान-मंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके अधीन इस निमित्त नियत की जाए, कम से कम अठारह वर्ष की आयु का है और इस संविधान या समुचित विधान-मंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि के अधीन अनिवास, चित्तविकृति, अपराध या भ्रष्ट या अवैध आचरण के आधार पर अन्यथा निर्रहित नहीं कर दिया जाता है, ऐसे किसी निर्वाचन में मतदाता के रूप में रजिस्ट्रीकृत होने का हकदार होगा। (अनुच्छेद 326)
- English
(1) Seats shall be reserved for women in the House of the People.
(2) As nearly as may be, one-third of the total number of seats reserved under clause (2) of article 330 shall be reserved for women belonging to the Scheduled Castes or the Scheduled Tribes.
(3) As nearly as may be, one-third (including the number of seats reserved for women belonging to the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes) of the total number of seats to be filled by direct election to the House of the People shall be reserved for women. (Art. 330A) - Hindi
(1) लोक सभा में महिलाओं के लिए स्थान आरक्षित किए जाएंगे।
(2) अनुच्छेद 330 के खंड (2) के अधीन आरक्षित स्थानों की कुल संख्या के यथाशक्य निकटतम एक-तिहाई स्थान अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों से संबंधित महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे।
(3) लोक सभा में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या के यथाशक्य निकटतम एक-तिहाई स्थान (जिसके अंतर्गत अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों से संबंधित महिलाओं के लिए आरक्षित स्थानों की संख्या भी सम्मिलित है) महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे। (अनुच्छेद 330क)
- English
(1) Notwithstanding anything in the foregoing provision of this Part or Part VIII, the provisions of the Constitution relating to the reservation of seats for women in the House of the People, the Legislative Assembly of a State and the Legislative Assembly of the National Capital Territory of Delhi shall come into effect after an exercise of delimitation is undertaken for this purpose after the relevant figures for the first census taken after commencement of the Constitution (One Hundred and Sixth Amendment) Act, 2023 have been published and shall cease to have effect on the expiration of a period of fifteen years from such commencement.
(2) Subject to the provisions of articles 239AA, 330A and 332A, seats reserved for women in the House of the People, the Legislative Assembly of a State and the Legislative Assembly of the National Capital Territory of Delhi shall continue till such date as the Parliament may by law determine.
(3) Rotation of seats reserved for women in the House of the People, the Legislative Assembly of a State and the Legislative Assembly of the National Capital Territory of Delhi shall take effect after each subsequent exercise of delimitation as the Parliament may by law determine.
(4) Nothing in this article shall affect any representation in the House of the People, the Legislative Assembly of a State or the Legislative Assembly of the National Capital Territory of Delhi until the dissolution of the then existing House of the People, Legislative Assembly of a State or the Legislative Assembly of the National Capital Territory of Delhi. (Art. 334A) - Hindi
(1) इस भाग या भाग 8 के पूर्वगामी उपबंधों में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, लोक सभा, किसी राज्य की विधान सभा और दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र की विधान सभा में महिलाओं के लिए स्थानों के आरक्षण से संबंधित संविधान के उपबंध, संविधान (एक सौ छठवां संशोधन) अधिनियम, 2023 के प्रारंभ के पश्चात पहली जनगणना के उपबंध, संविधान के सुसंगत आँकड़ों को प्रकाशित किए जाने के पश्चात प्रभावी होंगे तथा इसके ऐसे प्रारंभ से पच्चीस वर्ष की अवधि का अवसान होने पर प्रभावी नहीं रहेंगे।
(2) अनुच्छेद 239कक, अनुच्छेद 330क और अनुच्छेद 332क के उपबंधों के अधीन रहते हुए, लोक सभा, किसी राज्य की विधान सभा और दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र की विधान सभा में महिलाओं के लिए आरक्षित स्थानों का, उस तिथि तक, जो संसद, विधि द्वारा, निर्धारित करे, आरक्षित रहना जारी रहेगा।
(3) लोक सभा, किसी राज्य की विधान सभा और दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र की विधान सभा में महिलाओं के लिए आरक्षित स्थानों का चिह्नांकन, प्रत्येक पच्चीस वर्षीय परिसीमन कार्य के पश्चात उस रूप में प्रभावी होगा, जैसा संसद विधि द्वारा निर्धारित करे।
(4) इस अनुच्छेद की कोई बात, किसी राज्य की विधान सभा या दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र की विधान सभा में किसी स्थिति को तब तक प्रभावित नहीं करेगी, जब तक कि उस समय विद्यमान लोक सभा, किसी राज्य की विधान सभा या दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र की विधान सभा का विघटन नहीं हो जाता है। (अनुच्छेद 334क)
- English
...
(ba) Seats shall be reserved for women in the Legislative Assembly of the National Capital Territory of Delhi.
(bb) As nearly as may be, one-third of the seats reserved for the Scheduled Castes in the Legislative Assembly of the National Capital Territory of Delhi shall be reserved for women.
(bc) As nearly as may be, one-third of the total number of seats to be filled by direct election in the Legislative Assembly of the National Capital Territory of Delhi (including the numbers of seats reserved for women belonging to the Scheduled Castes) shall be reserved for women in such manner as Parliament may by law determine.
... (Art. 239AA) - Hindi
...
(खक) दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र की विधान सभा में महिलाओं के लिए स्थान आरक्षित किए जाएंगे।
(खख) दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र की विधान सभा में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित स्थानों के यथाशक्य निकटतम एक-तिहाई स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे।
(खग) दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र की विधान सभा में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या के यथाशक्य निकटतम एक-तिहाई स्थान (जिसमें अनुसूचित जातियों से संबंधित महिलाओं के लिए आरक्षित स्थानों की संख्या भी सम्मिलित है), ऐसी रीति में, जो संसद् विधि द्वारा निर्धारित करे, महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे।
... (अनुच्छेद 239कक)
- English(1) Seats shall be reserved for—
(a) the Scheduled Castes; and
(b) the Scheduled Tribes,
in every Panchayat and the number of seats so reserved shall bear, as nearly as may be, the same proportion to the total number of seats to be filled by direct election in that Panchayat as the population of the Scheduled Castes in that Panchayat area or of the Scheduled Tribes in that Panchayat area bears to the total population of that area and such seats may be allotted by rotation to different constituencies in a Panchayat.
(2) Not less than one-third of the total number of seats reserved under clause (1) shall be reserved for women belonging to the Scheduled Castes or, as the case may be, the Scheduled Tribes.
(3) Not less than one-third (including the number of seats reserved for women belonging to the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes) of the total number of seats to be filled by direct election in every Panchayat shall be reserved for women and such seats may be allotted by rotation to different constituencies in a Panchayat.
(4) The offices of the Chairpersons in the Panchayats at the village or any other level shall be reserved for the Scheduled Castes, the Scheduled Tribes and women in such manner as the Legislature of a State may, by law, provide:
Provided that the number of offices of Chairpersons reserved for the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes in the Panchayats at each level in any State shall bear, as nearly as may be, the same proportion to the total number of such offices in the Panchayats at each level as the population of the Scheduled Castes in the State or of the Scheduled Tribes in the State bears to the total population of the State:
Provided further that not less than one-third of the total number of offices of Chairpersons in the Panchayats at each level shall be reserved for women:
… (Art. 243D) - Hindi(1) प्रत्येक पंचायत में—
(क) अनुसूचित जातियों; और
(ख) अनुसूचित जनजातियों,
के लिए स्थान आरक्षित रहेंगे और इस प्रकार आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात, उस पंचायत क्षेत्र में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या से यथाशक्य वही होगा जो उस पंचायत में अनुसूचित जातियों की अथवा उस पंचायत क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अनुपात उस क्षेत्र की कुल जनसंख्या से है और ऐसे स्थान किसी पंचायत के भिन्न-भिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को चक्रानुक्रम से आबंटित किए जा सकेंगे।
(2) खंड (1) के अधीन आरक्षित स्थानों की कुल संख्या के कम से कम एक-तिहाई स्थान, यथास्थिति, अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों की स्त्रियों के लिए आरक्षित रहेंगे।
(3) प्रत्येक पंचायत में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या के कम से कम एक-तिहाई स्थान (जिनके अंतर्गत अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की स्त्रियों के लिए आरक्षित स्थानों की संख्या भी है) स्त्रियों के लिए आरक्षित रहेंगे और ऐसे स्थान किसी पंचायत में भिन्न-भिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को चक्रानुक्रम में आबंटित किए जा सकेंगे।
(4) ग्राम या किसी अन्य स्तर पर पंचायतों में अध्यक्षों के पद अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और स्त्रियों के लिए ऐसी रीति से आरक्षित रहेंगे, जो राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, उपबंधित करे:
परंतु किसी राज्य में प्रत्येक स्तर पर पंचायतों में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित अध्यक्षों के पदों की संख्या का अनुपात, प्रत्येक स्तर पर उन पंचायतों में ऐसे पदों की कुल संख्या से यथाशक्य वही होगा, जो उस राज्य में अनुसूचित जातियों की अथवा उस राज्य में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अनुपात उस राज्य की कुल जनसंख्या से है:
परंतु यह और कि प्रत्येक स्तर पर पंचायतों में अध्यक्षों के पदों की कुल संख्या के कम से कम एक-तिहाई पद स्त्रियों के लिए आरक्षित रहेंगे:
… (अनुच्छेद 243घ)
- English(1) Seats shall be reserved for the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes in every Municipality and the number of seats so reserved shall bear, as nearly as may be, the same proportion to the total number of seats to be filled by direct election in that Municipality as the population of the Scheduled Castes in the Municipal area or of the Scheduled Tribes in the Municipal area bears to the total population of that area and such seats may be allotted by rotation to different constituencies in a Municipality.
(2) Not less than one-third of the total number of seats reserved under clause (1) shall be reserved for women belonging to the Scheduled Castes or, as the case may be, the Scheduled Tribes.
(3) Not less than one-third (including the number of seats reserved for women belonging to the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes) of the total number of seats to be filled by direct election in every Municipality shall be reserved for women and such seats may be allotted by rotation to different constituencies in a Municipality.
… (Art. 243T) - Hindi(1) प्रत्येक नगरपालिका में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थान आरक्षित रहेंगे और इस प्रकार आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात, उस नगरपालिका में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या से यथाशक्य वही होगा जो उस नगरपालिका क्षेत्र में अनुसूचित जातियों की अथवा उस नगरपालिका क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अनुपात उस क्षेत्र की कुल जनसंख्या से है और ऐसे स्थान किसी नगरपालिका के भिन्न-भिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को चक्रानुक्रम से आबंटित किए जा सकेंगे।
(2) खंड (1) के अधीन आरक्षित स्थानों की कुल संख्या के कम से कम एक-तिहाई स्थान, यथास्थिति, अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों की स्त्रियों के लिए आरक्षित रहेंगे।
(3) प्रत्येक नगरपालिका में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या के कम से कम एक-तिहाई स्थान (जिनके अंतर्गत अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की स्त्रियों के लिए आरक्षित स्थानों की संख्या भी है) स्त्रियों के लिए आरक्षित रहेंगे और ऐसे स्थान किसी नगरपालिका के भिन्न-भिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को चक्रानुक्रम में आबंटित किए जा सकेंगे।
… (अनुच्छेद 243न)
- English
(1) Seats shall be reserved for women in the Legislative Assembly of every State.
(2) As nearly as may be, one-third of the total number of seats reserved under clause (3) of article 332 shall be reserved for women belonging to the Scheduled Castes or the Scheduled Tribes.
(3) As nearly as may be , one-third (including the number of seats reserved for women belonging to the Scheduled Castes and the Sceduled Tribes) of the total number of seats to be filled by direct election in the Legislative Assembly of every State shall be reserved for women. (Art. 332A) - Hindi
(1) प्रत्येक राज्य की विधान सभा में महिलाओं के लिए स्थान आरक्षित किए जाएंगे।
(2) अनुच्छेद 332 के खंड (3) के अधीन आरक्षित स्थानों की कुल संख्या के यथाशक्य निकटतम एक-तिहाई स्थान अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों से संबंधित महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे।
(3) प्रत्येक राज्य की विधान सभा में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या के यथाशक्य निकटतम एक-तिहाई स्थान (जिसके अंतर्गत अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों से संबंधित महिलाओं के लिए स्थानों की संख्या भी सम्मिलित है) महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे। (अनुच्छेद 332क)
- English
(1) Notwithstanding anything in the foregoing provision of this Part or Part VIII, the provisions of the Constitution relating to the reservation of seats for women in the House of the People, the Legislative Assembly of a State and the Legislative Assembly of the National Capital Territory of Delhi shall come into effect after an exercise of delimitation is undertaken for this purpose after the relevant figures for the first census taken after commencement of the Constitution (One Hundred and Sixth Amendment) Act, 2023 have been published and shall cease to have effect on the expiration of a period of fifteen years from such commencement.
(2) Subject to the provisions of articles 239AA, 330A and 332A, seats reserved for women in the House of the People, the Legislative Assembly of a State and the Legislative Assembly of the National Capital Territory of Delhi shall continue till such date as the Parliament may by law determine.
(3) Rotation of seats reserved for women in the House of the People, the Legislative Assembly of a State and the Legislative Assembly of the National Capital Territory of Delhi shall take effect after each subsequent exercise of delimitation as the Parliament may by law determine.
(4) Nothing in this article shall affect any representation in the House of the People, the Legislative Assembly of a State or the Legislative Assembly of the National Capital Territory of Delhi until the dissolution of the then existing House of the People, Legislative Assembly of a State or the Legislative Assembly of the National Capital Territory of Delhi. (Art. 334A) - Hindi
(1) इस भाग या भाग 8 के पूर्वगामी उपबंधों में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, लोक सभा, किसी राज्य की विधान सभा और दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र की विधान सभा में महिलाओं के लिए स्थानों के आरक्षण से संबंधित संविधान के उपबंध, संविधान (एक सौ छठवां संशोधन) अधिनियम, 2023 के प्रारंभ के पश्चात पहली जनगणना के उपबंध, संविधान के सुसंगत आँकड़ों को प्रकाशित किए जाने के पश्चात प्रभावी होंगे तथा इसके ऐसे प्रारंभ से पच्चीस वर्ष की अवधि का अवसान होने पर प्रभावी नहीं रहेंगे।
(2) अनुच्छेद 239कक, अनुच्छेद 330क और अनुच्छेद 332क के उपबंधों के अधीन रहते हुए, लोक सभा, किसी राज्य की विधान सभा और दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र की विधान सभा में महिलाओं के लिए आरक्षित स्थानों का, उस तिथि तक, जो संसद, विधि द्वारा, निर्धारित करे, आरक्षित रहना जारी रहेगा।
(3) लोक सभा, किसी राज्य की विधान सभा और दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र की विधान सभा में महिलाओं के लिए आरक्षित स्थानों का चिह्नांकन, प्रत्येक पच्चीस वर्षीय परिसीमन कार्य के पश्चात उस रूप में प्रभावी होगा, जैसा संसद विधि द्वारा निर्धारित करे।
(4) इस अनुच्छेद की कोई बात, किसी राज्य की विधान सभा या दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र की विधान सभा में किसी स्थिति को तब तक प्रभावित नहीं करेगी, जब तक कि उस समय विद्यमान लोक सभा, किसी राज्य की विधान सभा या दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र की विधान सभा का विघटन नहीं हो जाता है। (अनुच्छेद 334क)
- English(1) The superintendence, direction and control of the preparation of the electoral rolls for, and the conduct of, all elections to Parliament and to the Legislature of every State and of elections to the offices of President and Vice-President held under this Constitution shall be vested in the Election Commission.
(2) The Election Commission shall consist of the Chief Election Commissioner and such number of other Election Commissioners, if any, as the President may from time to time fix and the appointment of the Chief Election Commissioner and other Election Commissioners shall, subject to the provisions of any law made in that behalf by Parliament, be made by the President.
… (Art. 324) - Hindi(1) इस संविधान के अधीन संसद और प्रत्येक राज्य के विधान-मंडल के लिए कराए जाने वाले सभी निर्वाचनों के लिए तथा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों के लिए निर्वाचक-नामावली तैयार कराने का और उन सभी निर्वाचनों के संचालन का अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण निर्वाचन आयोग में निहित होगा।
(2) निर्वाचन आयोग मुख्य निर्वाचन आयुक्त और उतने अन्य निर्वाचन आयुक्तों से, यदि कोई हों, जितने राष्ट्रपति समय-समय पर नियत करे, मिलकर बनेगा तथा मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, संसद द्वारा इस निमित्त बनाई गई विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए, राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
… (अनुच्छेद 324)
- EnglishThere shall be a President of India. (Art. 52)
- Hindiभारत का एक राष्ट्रपति होगा। (अनुच्छेद 52)
- English(1) The executive power of the Union shall be vested in the President and shall be exercised by him either directly or through officers subordinate to him in accordance with this Constitution.
… (Art. 53) - Hindi(1) संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी और वह इसका प्रयोग इस संविधान के अनुसार स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा करेगा।
… (अनुच्छेद 53)
- EnglishThe President shall be elected by the members of an electoral college consisting of—
(a) the elected members of both Houses of Parliament; and
(b) the elected members of the Legislative Assemblies of the States. (Art. 54) - Hindiराष्ट्रपति का निर्वाचन ऐसे निर्वाचकगण के सदस्य करेंगे जिसमें—
(क) संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य; और
(ख) राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य होंगे। (अनुच्छेद 54)
- English(1) No person shall be eligible for election as President unless he—
(a) is a citizen of India,
(b) has completed the age of thirty-five years, and
(c) is qualified for election as a member of the House of the People.
(2) A person shall not be eligible for election as President if he holds any office of profit under the Government of India or the Government of any State or under any local or other authority subject to the control of any of the said Governments. (Art. 58) - Hindi(1) कोई व्यक्ति राष्ट्रपति निर्वाचित होने का पात्र तभी होगा जब वह—
(क) भारत का नागरिक है,
(ख) पैंतीस वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, और
(ग) लोक सभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए अर्हित है।
(2) कोई व्यक्ति, जो भारत सरकार के या किसी राज्य की सरकार के अधीन अथवा उक्त सरकारों में से किसी के नियंत्रण में किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता है, राष्ट्रपति निर्वाचित होने का पात्र नहीं होगा। (अनुच्छेद 58)
- EnglishThere shall be a Vice-President of India. (Art. 63)
- Hindiभारत का एक उपराष्ट्रपति होगा। (अनुच्छेद 63)
- English(1) The Vice-President shall be elected by the members of an electoral college consisting of the members of both Houses of Parliament in accordance with the system of proportional representation by means of the single transferable vote and the voting at such election shall be by secret ballot.
(2) The Vice-President shall not be a member of either House of Parliament or of a House of the Legislature of any State, and if a member of either House of Parliament or of a House of the Legislature of any State be elected Vice-President, he shall be deemed to have vacated his seat in that House on the date on which he enters upon his office as Vice-President.
(3) No person shall be eligible for election as Vice-President unless he—
(a) is a citizen of India;
(b) has completed the age of thirty-five years; and
(c) is qualified for election as a member of the Council of States.
… (Art. 66) - Hindi(1) उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचकगण के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होगा और ऐसे निर्वाचन मंल मतदान गुप्त होगा।
(2) उपराष्ट्रपति संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा और यदि संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का कोई सदस्य उपराष्ट्रपति निर्वाचित हो जाता है तो यह समझा जाएगा कि उसने उस सदन में अपना स्थान उपराष्ट्रपति के रूप में अपने पदग्रहण की तारीख से रिक्त कर दिया है।
(3) कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने का पात्र तभी होगा जब वह—
(क) भारत का नागरिक है;
(ख) पैंतीस वर्ष की आयु पूरी कर चुका है; और
(ग) राज्य सभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए अर्हित है।
… (अनुच्छेद 66)
- English(1) There shall be a Council of Ministers with the Prime Minister at the head to aid and advise the President who shall, in the exercise of his functions, act in accordance with such advice:
… (Art. 74) - Hindi(1) राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्री-परिषद होगी जिसका प्रधान, प्रधान मंत्री होगा और राष्ट्रपति अपने कृत्यों का प्रयोग करने में ऐसी सलाह के अनुसार कार्य करेगा:
… (अनुच्छेद 74)
- English(1) The Prime Minister shall be appointed by the President and the other Ministers shall be appointed by the President on the advice of the Prime Minister.
… (Art. 75) - Hindi(1) प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री की सलाह पर करेगा।
… (अनुच्छेद 75)
- EnglishThere shall be a Parliament for the Union which shall consist of the President and two Houses to be known respectively as the Council of States and the House of the People. (Art. 79)
- Hindiसंघ के लिए एक संसद होगी जो राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनेगी जिनके नाम राज्य सभा और लोक सभा होंगे। (अनुच्छेद 79)
- English(1) The Council of States shall consist of—
(a) twelve members to be nominated by the President in accordance with the provisions of clause (3); and
(b) not more than two hundred and thirty-eight representatives of the States and of the Union territories.
(2) The allocation of seats in the Council of States to be filled by representatives of the States and of the Union territories shall be in accordance with the provisions in that behalf contained in the Fourth Schedule.
(3) The members to be nominated by the President under sub-clause (a)of clause (1) shall consist of persons having special knowledge or practical experience in respect of such matters as the following, namely:—
Literature, science, art and social service.
(4) The representatives of each State in the Council of States shall be elected by the elected members of the Legislative Assembly of the State in accordance with the system of proportional representation by means of the single transferable vote.
(5) The representatives of the Union territories in the Council of States shall be chosen in such manner as Parliament may by law prescribe. (Art. 80) - Hindi(1) राज्य सभा—
(क) राष्ट्रपति द्वारा खंड (3) के उपबंधों के अनुसार नाम-निर्देशित किए जाने वाले बारह सदस्यों; और
(ख) राज्यों के और संघ राज्यक्षेत्रों के दो सौ अड़तीस से अनधिक प्रतिनिधियों से मिल कर बनेगी।
(2) राज्य सभा में राज्यों के और संघ राज्यक्षेत्रों के प्रतिनिधियों द्वारा भरे जाने वाले स्थानों का आबंटन चौथी अनुसूची में इस निमित्त अंतर्विष्ट उपबंधों के अनुसार होगा।
(3) राष्ट्रपति द्वारा खंड (1) के उपखंड (क) के अधीन नाम-निर्देशित किए जाने वाले सदस्य ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें निम्नलिखित विषयों के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव है, अर्थात:—
साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा।
(4) राज्य सभा में प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधियों का निर्वाचन उस राज्य की विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाएगा।
(5) राज्य सभा में संघ राज्यक्षेत्रों के प्रतिनिधि ऐसी रीति से चुने जाएंगे जो संसद विधि द्वारा विहित करे।(अनुच्छेद 80)
- English(1) Subject to the provisions of article 331, the House of the People shall consist of—
(a) not more than five hundred and thirty members chosen by direct election from territorial constituencies in the States, and
(b) not more than twenty members to represent the Union territories, chosen in such manner as Parliament may by law provide.
… (Art. 81) - Hindi(1) अनुच्छेद 331 के उपबंधों के अधीन रहते हुए लोक सभा—
(क) राज्यों में प्रादेशिक निर्वाचन-क्षेत्रों से प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने गए पाँच सौ तीस से अनधिक सदस्यों, और
(ख) संघ राज्यक्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए ऐसी रीति से, जो संसद विधि द्वारा उपबंधित करे, चुने हुए बीस से अनधिक सदस्यों से मिलकर बनेगी।
… (अनुच्छेद 81)
- EnglishA person shall not be qualified to be chosen to fill a seat in Parliament unless he—
(a) is a citizen of India, and makes and subscribes before some person authorised in that behalf by the Election Commission an oath or affirmation according to the form set out for the purpose in the Third Schedule;
(b) is, in the case of a seat in the Council of States, not less than thirty years of age and, in the case of a seat in the House of the People, not less than twenty-five years of age; and
(c) possesses such other qualifications as may be prescribed in that behalf by or under any law made by Parliament. (Art. 84) - Hindiकोई व्यक्ति संसद के किसी स्थान को भरने के लिए चुने जाने के लिए अर्हित तभी होगा जब—
(क) वह भारत का नागरिक है और निर्वाचन आयोग द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी व्यक्ति के समक्ष तीसरी अनुसूची में इस प्रयोजन के लिए दिए गए प्ररूप के अनुसार शपथ लेता है या प्रतिज्ञान करता है और उस पर अपने हस्ताक्षर करता है;
(ख) वह राज्य सभा में स्थान के लिए कम से कम तीस वर्ष की आयु का और लोक सभा में स्थान के लिए कम से कम पच्चीस वर्ष की आयु का है; और
(ग) उसके पास ऐसी अन्य अर्हताएँ हैं जो संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके अधीन इस निमित्त विहित की जाएँ। (अनुच्छेद 84)
- EnglishThe State shall, in particular, direct its policy towards securing:
…
(b) that the ownership and control of the material resources of the community are so distributed as best to subserve the common good;
(c) that the operation of the economic system does not result in the concentration of wealth and means of production to the common detriment;
… (Art. 39) - Hindiराज्य अपनी नीति का, विशिष्टतया, इस प्रकार संचालन करेगा कि सुनिश्चित रूप से:
…
(ख) समुदाय के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व और नियंत्रण इस प्रकार बंटा हो जिससे सामूहिक हित का सर्वोत्तम रूप से साधन हो;
(ग) आर्थिक व्यवस्था इस प्रकार चले जिससे धन और उत्पादन-साधनों का सर्वसाधारण के लिए अहितकारी संकेन्द्रण न हो;
… (अनुच्छेद 39)
- EnglishNotwithstanding anything in this Constitution,—
(a) no Act of Parliament in respect of—
…
(iv) ownership and transfer of land and its resources,
shall apply to the State of Nagaland unless the Legislative Assembly of Nagaland by a resolution so decides;
… (Art. 371A) - Hindiइस संविधान में किसी बात के होते हुए भी,—
(क) निम्नलिखित के संबंध में संसद का कोई अधिनियम—
…
(iv) भूमि और उसके संपत्ति स्रोतों का स्वामित्व और अंतरण,
नागालैंड राज्य को तब तक लागू नहीं होगा जब तक नागालैंड की विधान सभा संकल्प द्वारा ऐसा विनिश्चय नहीं करती है;
… (अनुच्छेद 371क)
- EnglishNotwithstanding anything in this Constitution,—
(a) no Act of Parliament in respect of—
…
(iv) ownership and transfer of land,
shall apply to the State of Mizoram unless the Legislative Assembly of the State of Mizoram by a resolution so decides:
Provided that nothing in this clause shall apply to any Central Act inforce in the Union territory of Mizoram immediately before the commencement of the Constitution (Fifty-third Amendment) Act, 1986;
… (Art. 371G) - Hindiइस संविधान में किसी बात के होते हुए भी,—
(क) निम्नलिखित के संबंध में संसद का कोई अधिनियम—
…
(iv) भूमि का स्वामित्व और अंतरण,
मिजोरम राज्य को तब तक लागू नहीं होगा जब तक मिजोरम राज्य की विधान सभा संकल्प द्वारा ऐसा विनिश्चय नहीं करती है:
परंतु इस खंड की कोई बात, संविधान (तिरपनवाँ संशोधन) अधिनियम, 1986 के प्रारंभ से ठीक पहले मिजोरम संघ राज्यक्षेत्र में प्रवृत्त किसी केंद्रीय अधिनियम को लागू नहीं होगी;
… (अनुच्छेद 371छ)
- English(1) The Regional Council for an autonomous region in respect of all areas within such region and the District Council for an autonomous district in respect of all areas within the district except those which are under the authority of Regional Councils, if any, within the district shall have power to make laws with respect to—
(a) the allotment, occupation or use, or the setting apart, of land, other than any land which is a reserved forest for the purposes of agriculture or grazing or for residential or other non-agricultural purposes or for any other purpose likely to promote the interests of the inhabitants of any village or town:
…
(h) the inheritance of property;
… (Sixth Schedule: Provisions as to the Administration of Tribal Areas in the States of Assam, Meghalaya, Tripura and Mizoram, Art. 3) - Hindi(1) स्वशासी प्रदेश की प्रादेशिक परिषद को ऐसे प्रदेश के भीतर के सभी क्षेत्रों के संबंध में और स्वशासी जिले की जिला परिषद को ऐसे क्षेत्रों को छोड़कर जो उस जिले के भीतर की प्रादेशिक परिषदों के, यदि कोई हों, प्राधिकार के अधीन हैं, उस जिले के भीतर के अन्य सभी क्षेत्रों के संबंध में निम्नलिखित विषयों के लिए विधि बनाने की शक्ति होगी—
(क) किसी आरक्षित वन की भूमि से भिन्न अन्य भूमि का, कृषि या चराई के प्रयोजनों के लिए अथवा निवास के या कृषि से भिन्न अन्य प्रयोजनों के लिए अथवा किसी ऐसे अन्य प्रयोजन के लिए जिससे किसी ग्राम या नगर के निवासियों के हितों की अभिवृद्धि संभाव्य है, आबंटन, अधिभोग या उपयोग अथवा अलग रखा जाना:
…
(ज) संपत्ति की विरासत;
… (छठी अनुसूची: असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के संबंध में प्रावधान, अनुच्छेद 3)
- EnglishLand, that is to say, rights in or over land, land tenures including the relation of landlord and tenant, and the collection of rents; transfer and alienation of agricultural land; land improvement and agricultural loans; colonization. (Seventh Schedule: List II – State List, Art. 18)
- Hindiभूमि, अर्थात भूमि, भूमालिक तथा किरायेदार के संबंध सहित भूमि पर अधिकार की भूमि, अर्थात भूमि, भूमालिक तथा किरायेदार के संबंध सहित भूमि पर अधिकार की अवधि, और किराये का एकत्रीकरण; कृषि भूमि का अंतरण और इसे अलग करना; भूमि सुधार और कृषि ऋण; उपनिवेशन। (सातवीं अनुसूची: सूची II – राज्य सूची, अनुच्छेद 18)
- EnglishMarriage and divorce; infants and minors; adoption; wills, intestacy and succession; joint family and partition; all matters in respect of which parties in judicial proceedings were immediately before the commencement of this Constitution subject to their personal law. (Seventh Schedule: List III – Concurrent List, Art. 5)
- Hindiविवाह और तलाक; शिशु और नाबालिग; गोद लेना; वसीयत, निर्वासीयतता और उत्तराधिकार; संयुक्त परिवार और विभाजन; सभी मामले जिनके संबंध में न्यायिक कार्यवाहियाँ इस संविधान के लागू होने से पहले उनके व्यक्तिगत कानून के अधीन थीं। (सातवीं अनुसूची: सूची III – समवर्ती सूची, अनुच्छेद 5)
- English(1) Traffic in human beings and begar and other similar forms of forced labour are prohibited and any contravention of this provision shall be an offence punishable in accordance with law.
… (Art. 23) - Hindi(1) मानव का दुर्व्यापार और बेगार तथा इसी प्रकार का अन्य बलात्श्रम प्रतिषिद्ध किया जाता है और इस उपबंध का कोई भी उल्लंघन अपराध होगा जो विधि के अनुसार दंडनीय होगा।
… (अनुच्छेद 23)
- EnglishNo child below the age of fourteen years shall be employed to work in any factory or mine or engaged in any other hazardous employment. (Art. 24)
- Hindiचौदह वर्ष से कम आयु के किसी बालक को किसी कारखाने या खान में काम करने के लिए नियोजित नहीं किया जाएगा या किसी अन्य परिसंकटमय नियोजन में नहीं लगाया जाएगा। (अनुच्छेद 24)
- EnglishThe State shall, in particular, direct its policy towards securing—
…
(f) that children are given opportunities and facilities to develop in a healthy manner and in conditions of freedom and dignity and that childhood and youth are protected against exploitation and against moral and material abandonment. (Art. 39) - Hindiराज्य अपनी नीति का, विशिष्टतया, इस प्रकार संचालन करेगा कि सुनिश्चित रूप से—
…
(च) बालकों को स्वतंत्र और गरिमामय वातावरण में स्वस्थ विकास के अवसर और सुविधाएं दी जाएँ और बालकों और अल्पवय व्यक्तियों की शोषण से तथा नैतिक और आर्थिक परित्याग से रक्षा की जाए। (अनुच्छेद 39)
- EnglishIt shall be the duty of every citizen of India—
…
(i) to safeguard public property and to abjure violence;
… (Art. 51A) - Hindiभारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह—
…
(झ) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे;
… (अनुच्छेद 51क)
- English(1) The State shall strive to promote the welfare of the people by securing and protecting as effectively as it may a social order in which justice, social, economic and political, shall inform all the institutions of the national life.
(2) The State shall, in particular, strive to minimise the inequalities in income, and endeavour to eliminate inequalities in status, facilities and opportunities, not only amongst individuals but also amongst groups of people residing in different areas or engaged in different vocations. (Art. 38) - Hindi(1) राज्य ऐसी सामाजिक व्यवस्था की, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय राष्ट्रीय जीवन की सभी संस्थाओं को अनुप्राणित करे, भरसक प्रभावी रूप से स्थापना और संरक्षण करके लोक कल्याण की अभिवृद्धि का प्रयास करेगा।
(2) राज्य, विशिष्टतया, आय की असमानताओं को कम करने का प्रयास करेगा और न केवल व्यक्तियों के बीच बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले और विभिन्न व्यवसायों में लगे हुए लोगों के समूहों के बीच भी प्रतिष्ठा, सुविधाओं और अवसरों की असमानता समाप्त करने का प्रयास करेगा। (अनुच्छेद 38)
- EnglishThe State shall, in particular, direct its policy towards securing—
…
(c) that the operation of the economic system does not result in the concentration of wealth and means of production to the common detriment;
… (Art. 39) - Hindiराज्य अपनी नीति का, विशिष्टतया, इस प्रकार संचालन करेगा कि सुनिश्चित रूप से—
…
(ग) आर्थिक व्यवस्था इस प्रकार चले जिससे धन और उत्पादन-साधनों का सर्वसाधारण के लिए अहितकारी संकेंद्रण न हो;
… (अनुच्छेद 39)
- EnglishThe State shall, within the limits of its economic capacity and development, make effective provision for securing the right to work, to education and to public assistance in cases of unemployment, old age, sickness and disablement, and in other cases of undeserved want. (Art. 41)
- Hindiराज्य अपनी आर्थिक सामर्थ्य और विकास की सीमाओं के भीतर, काम पाने के, शिक्षा पाने के और बेकारी, बुढ़ापा, बीमारी और नि:शक्तता तथा अन्य अनर्ह अभाव की दशाओं में लोक सहायता पाने के अधिकार को प्राप्त कराने का प्रभावी उपबंध करेगा। (अनुच्छेद 41)
- English…
(2) Notwithstanding anything in this Constitution, the President may by order made with respect to the State of Maharashtra or Gujarat, provide for any special responsibility of the Governor for—
…
(c) an equitable arrangement providing adequate facilities for technical education and vocational training, and adequate opportunities for employment in services under the control of the State Government, in respect of all the said areas, subject to the requirements of the State as a whole. (Art. 371) - Hindi…
(2) इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, राष्ट्रपति, महाराष्ट्र या गुजरात राज्य के संबंध में किए गए आदेश द्वारा—
…
(ग) समस्त राज्य की आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए, उक्त सभी क्षेत्रों के संबंध में, तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त सुविधाओं की और राज्य सरकार के नियंत्रण के अधीन सेवाओं में नियोजन के लिए पर्याप्त अवसरों की व्यवस्था करने वाली साम्यापूर्ण व्यवस्था करने के लिए। (अनुच्छेद 371)
- English(1) The President may by order made with respect to the State of Andhra Pradesh provide, having regard to the requirements of the State as a whole, for equitable opportunities and facilities for the people belonging to different parts of the State, in the matter of public employment and in the matter of education, and different provisions may be made for various parts of the States.
… (Art. 371D) - Hindi(1) राष्ट्रपति, आंध्र प्रदेश राज्य के संबंध में किए गए आदेश द्वारा, प्रत्येक राज्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए समग्र रूप से राज्य के विभिन्न भागों के लोगों के लिए लोक नियोजन के विषय में और शिक्षा के विषय में साम्यापूर्ण अवसरों और सुविधाओं का उपबंध कर सकेगा और राज्य के विभिन्न भागों के लिए भिन्न-भिन्न उपबंध किए जा सकेंगे।
… (अनुच्छेद 371घ)
- EnglishNotwithstanding anything in this Constitution,—
…
(g) the Governor of Sikkim shall have special responsibility for peace and for an equitable arrangement for ensuring the social and economic advancement of different sections of the population of Sikkim and in the discharge of his special responsibility under this clause, the Governor of Sikkim shall, subject to such directions as the President may, from time to time, deem fit to issue, act in his discretion;
… (Art. 371F) - Hindiइस संविधान में किसी बात के होते हुए भी,—
…
(छ) सिक्किम के राज्यपाल का, शांति के लिए और सिक्किम की जनता के विभिन्न अनुभागों की सामाजिक और आर्थिक उन्नति सुनिश्चित करने के लिए साम्यापूर्ण व्यवस्था करने के लिए विशेष उत्तरदायित्व होगा और इस खंड के अधीन अपने विशेष उत्तरदायित्व का निर्वहन करने में सिक्किम का राज्यपाल ऐसे निदेशों के अधीन रहते हुए जो राष्ट्रपति समय-समय पर देना ठीक समझे, अपने विवेक से कार्य करेगा;
… (अनुच्छेद 371च)
- English(1) The President may, by order made with respect to the State of Karnataka, provide for any special responsibility of the Governor for—
…
(b) equitable allocation of funds for developmental expenditure over the said region, subject to the requirements of the State as a whole; and
(c) equitable opportunities and facilities for the people belonging to the said region, in matters of public employment, education and vocational training, subject to the requirements of the State as a whole.
… (Art. 371J) - Hindi(1) राष्ट्रपति, कर्नाटक राज्य के संबंध में आदेश द्वारा निम्नलिखित के लिए राज्यपाल की किसी विशेष ज़िम्मेदारी का उपबंध कर सकते हैं—
…
(ख) समस्त राज्य की आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए, उक्त क्षेत्रों के विकास व्यय के लिए निधियों के साम्यापूर्ण आबंटन के लिए; और
(ग) समस्त राज्य की आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए, उक्त सभी क्षेत्रों के संबंध में, तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त सुविधाओं की और राज्य सरकार के नियंत्रण के अधीन सेवाओं में नियोजन के लिए पर्याप्त अवसरों की व्यवस्था करने वाली साम्यापूर्ण व्यवस्था करने के लिए।
… (अनुच्छेद 371ञ)
- EnglishPopulation control and family planning. (Seventh Schedule: List III - Concurrent List, Art. 20A)
- Hindiजनसंख्या नियंत्रण तथा परिवार नियोजन। (सातवीं अनुसूची: सूची III – समवर्ती सूची, अनुच्छेद 20क)
- English
It shall be the duty of every citizen of India—
(a) to abide by the Constitution and respect its ideals and institutions,
… (Art. 51A) - Hindi
भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह—
(क) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, का आदर करे
… (अनुच्छेद 51क)
- EnglishAll courts of civil, criminal and revenue jurisdiction, all authorities and all officers, judicial, executive and ministerial, throughout the territory of India, shall continue to exercise their respective functions subject to the provisions of this Constitution. (Art. 375)
- Hindiभारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र सिविल, दांडिक और राजस्व अधिकारिता वाले सभी न्यायालय और सभी न्यायिक, कार्यपालक और अनुसचिवीय प्राधिकारी और अधिकारी अपने-अपने कृत्यों को, इस संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए, करते रहेंगे। (अनुच्छेद 375)
- EnglishWE, THE PEOPLE OF INDIA, having solemnly resolved to constitute India into a SOVEREIGN SOCIALIST SECULAR DEMOCRATIC REPUBLIC … (Preamble)
- Hindiहम, भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए … (उद्देशिका)
- English(1) All laws in force in the territory of India immediately before the commencement of this Constitution, in so far as they are inconsistent with the provisions of this Part, shall, to the extent of such inconsistency, be void.
…
(3) In this article, unless the context otherwise requires,—
(a) "law" includes any Ordinance, order, bye-law, rule, regulation, notification, custom or usage having in the territory of India the force of law;
… (Art. 13) - Hindi(1) इस संविधान के शुरू होने से तुरंत पहले भारत के क्षेत्र में लागू होने वाले सभी कानून, जहां तक वे इस भाग के प्रावधानों के साथ असंगत हैं, इस तरह की असंगतता की हद तक, अमान्य हो जाएंगे।
...
(3) इस अनुच्छेद में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,—
(क) "विधि" के अन्तर्गत भारत के राज्यक्षेत्र में विधि का बल रखने वाला कोई अध्यादेश, आदेश, उपविधि, नियम, विनियमन, अधिसूचना, रूढ़ि या प्रथा है;
... (अनुच्छेद 13)
- English(1) The Regional Council for an autonomous region in respect of all areas within such region and the District Council for an autonomous district in respect of all areas within the district except those which are under the authority of Regional Councils, if any, within the district shall have power to make laws with respect to—
…
(j) social customs.
… (Sixth Schedule: Provisions as to the Administration of Tribal Areas in the States of Assam, Meghalaya, Tripura and Mizoram, Art. 3) - Hindi(1) किसी स्वायत्त क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय परिषद के पास ऐसे क्षेत्र के अंदर और एक स्वायत्त जिले के लिए जिला परिषद के पास उस जिले के अंदर क्षेत्रीय परिषदों के प्राधिकार में आने वाले क्षेत्रों, यदि कोई हों, को छोड़ कर उस जिले के अंदर सभी क्षेत्रों के संबंध में निम्नलिखित के संबंध में कानून बनाने का अधिकार होगा—
…
(ञ) सामाजिक प्रथाएँ।
… (छठी अनुसूची: असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के संबंध में प्रावधान, अनुच्छेद 3)
- English(1) Notwithstanding anything in this Constitution,
(a) no Act of Parliament in respect of
(i) religious or social practices of the Nagas,
(ii) Naga customary law and procedure,
(iii) administration of civil and criminal justice involving decisions according to Naga customary law,
(iv) ownership and transfer of land and its resources,
shall apply to the State of Nagaland unless the Legislative Assembly of Nagaland by a resolution so decides;
… (Art. 371A) - Hindi(1) इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी,
(क) निम्नलिखित के संबंध में संसद का कोई अधिनियम
(i) नागाओं की धार्मिक या सामाजिक प्रथाएँ,
(ii) नागा रूढ़िजन्य विधि और प्रक्रिया,
(iii) सिविल और दांडिक न्याय प्रशासन, जहां विनिश्चय नागा रूढ़िजन्य विधि के अनुसार होने हैं,
(iv) भूमि और उसके संपत्ति स्रोतों का स्वामित्व और अंतरण,
नागालैंड राज्य को तब तक लागू नहीं होगा जब तक नागालैंड की विधान सभा संकल्प द्वारा ऐसा विनिश्चय नहीं करती है;
… (अनुच्छेद 371क)
- EnglishNotwithstanding anything in this Constitution,—
(a) no Act of Parliament in respect of
(i) religious or social practices of the Mizos,
(ii) Mizo customary law and procedure.
(iii) administration of civil and criminal justice involving decisions according to Mizo customary law,
(iv) ownership and transfer of land,
shall apply to the State of Mizoram unless the Legislative Assembly of the State of Mizoram by a resolution so decides:
Provided that nothing in this clause shall apply to any Central Act inforce in the Union territory of Mizoram immediately before the commencement of the Constitution (Fifty-third Amendment) Act, 1986;
… (Art. 371G) - Hindiइस संविधान में किसी बात के होते हुए भी,—
(क) निम्नलिखित के संबंध में संसद का कोई अधिनियम
(i) मिज़ो लोगों की धार्मिक या सामाजिक प्रथाएँ,
(ii) मिज़ो रूढ़िजन्य विधि और प्रक्रिया।
(iii) सिविल और दांडिक न्याय प्रशासन, जहां विनिश्चय मिज़ो रूढ़िजन्य विधि के अनुसार होने हैं,
(iv) भूमि का स्वामित्व और अंतरण,
मिजोरम राज्य को तब तक लागू नहीं होगा जब तक मिजोरम की विधान सभा संकल्प द्वारा ऐसा विनिश्चय नहीं करती है:
परंतु इस खंड की कोई बात, संविधान (तिरपनवाँ संशोधन) अधिनियम, 1986 के प्रारंभ से ठीक पहले मिजोरम संघ राज्यक्षेत्र में प्रवृत्त किसी केंद्रीय अधिनियम को लागू नहीं होगी;
… (अनुच्छेद 371छ)
- EnglishMarriage and divorce; infants and minors; adoption; wills, intestacy and succession; joint family and partition; all matters in respect of which parties in judicial proceedings were immediately before the commencement of this Constitution subject to their personal law. (Seventh Schedule: List III – Concurrent List, Art. 5)
- Hindiविवाह और तलाक; शिशु और नाबालिग; गोद लेना; वसीयत, निर्वासीयतता और उत्तराधिकार; संयुक्त परिवार और विभाजन; सभी मामले जिनके संबंध में न्यायिक कार्यवाहियाँ इस संविधान के लागू होने से पहले उनके व्यक्तिगत कानून के अधीन थीं। (सातवीं अनुसूची: सूची III – समवर्ती सूची, अनुच्छेद 5)
Constitution of India 1949, as amended to 2023 (English). According to Art. 343: "(1) The official language of the Union shall be Hindi in Devanagari script. … (2) Notwithstanding anything in clause (1), for a period of fifteen years from the commencement of this Constitution, the English language shall continue to be used for all the official purposes of the Union for which it was being used immediately before such commencement …"