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The Global Gender Equality Constitutional Database is a repository of gender equality related provisions in 194 constitutions from around the world. The Database was updated in partnership with the International Bar Association's Human Rights Institute (IBAHRI) and with support from the Swedish International Development Agency (SIDA) and the Government of Japan. Experience its wealth and depth of information by starting your search now.
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Jurisdiction and Access
India
- EnglishIf the High Court is satisfied that a case pending in a court subordinate to it involves a substantial question of law as to the interpretation of this Constitution the determination of which is necessary for the disposal of the case, it shall withdraw the case and may—
(a) either dispose of the case itself, or
(b) determine the said question of law and return the case to the court from which the case has been so withdrawn together with a copy of its judgment on such question, and the said court shall on receipt thereof proceed to dispose of the case in conformity with such judgment. (Art. 228) - Hindiयदि उच्च न्यायालय का यह समाधान हो जाता है कि उसके अधीनस्थ किसी न्यायालय में लंबित किसी मामले में इस संविधान के निर्वचन के बारे में विधि का कोई सारवान प्रश्न अंतर्वलित है जिसका अवधारण मामले के निपटारे के लिए आवश्यक है तो वह उस मामले को अपने पास मंगा लेगा और—
(क) मामले को स्वयं निपटा सकेगा, या
(ख) उक्त विधि के प्रश्न का अवधारण कर सकेगा और उस मामले को ऐसे प्रश्न पर निर्णय की प्रतिलिपि सहित उस न्यायालय को, जिससे मामला इस प्रकार मंगा लिया गया है, लौटा सकेगा और उक्त न्यायालय उसके प्राप्त होने पर उस मामले को ऐसे निर्णय के अनुरूप निपटाने के लिए आगे कार्यवाही करेगा। (अनुच्छेद 228)
Jurisdiction and Access
India
- English(1) An appeal shall lie to the Supreme Court from any judgment, decree or final order in a civil proceeding of a High Court in the territory of India if the High Court certifies under article 134A-
(a) that the case involves a substantial question of law of general importance; and
(b) that in the opinion of the High Court the said question needs to be decided by the Supreme Court.
(2) Notwithstanding anything in article 132, any party appealing to the Supreme Court under clause (1) may urge as one of the grounds in such appeal that a substantial question of law as to the interpretation of this Constitution has been wrongly decided.
(3) Notwithstanding anything in this article, no appeal shall, unless Parliament by law otherwise provides, lie to the Supreme Court from the judgment, decree or final order of one Judge of a High Court. (Art. 133) - Hindi(1) भारत के राज्यक्षेत्र में किसी उच्च न्यायालय की सिविल कार्यवाही में दिए गए किसी निर्णय, डिक्री या अंतिम आदेश की अपील उच्चतम न्यायालय में होगी यदि उच्च न्यायालय अनुच्छेद 134क के अधीन प्रमाणित कर देता है कि-
(क) उस मामले में विधि का व्यापक महत्व का कोई सारवान प्रश्न अंतर्वलित है; और
(ख) उच्च न्यायालय की राय में उस प्रश्न का उच्चतम न्यायालय द्वारा विनिश्चय आवश्यक है।
(2) अनुच्छेद 132 में किसी बात के होते हुए भी, उच्चतम न्यायालय में खंड (1) के अधीन अपील करने वाला कोई पक्षकार ऐसी अपील के आधारों में यह आधार भी बता सकेगा कि इस संविधान के निर्वचन के बारे में विधि के किसी सारवान प्रश्न का विनिश्चय गलत किया गया है।
(3) इस अनुच्छेद में किसी बात के होते हुए भी, उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के निर्णय, डिक्री या अंतिम आदेश की अपील उच्चतम न्यायालय में तब तक नहीं होगी जब तक संसद विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करे। (अनुच्छेद 133)
Jurisdiction and Access
India
- English(1) An appeal shall lie to the Supreme Court from any judgment, decree or final order of a High Court in the territory of India, whether in a civil, criminal or other proceeding, if the High Court certifies under article 134A that the case involves a substantial question of law as to the interpretation of this Constitution.
...
(3) Where such a certificate is given, any party in the case may appeal to the Supreme Court on the ground that any such question as aforesaid has been wrongly decided. (Art. 132) - Hindi(1) भारत के राज्यक्षेत्र में किसी उच्च न्यायालय की सिविल, दांडिक या अन्य कार्यवाही में दिए गए किसी निर्णय, डिक्री या अंतिम आदेश की अपील उच्चतम न्यायालय में होगी यदि वह उच्च न्यायालय अनुच्छेद 134क के अधीन प्रमाणित कर देता है कि उस मामले में इस संविधान के निर्वाचन के बारे में विधि का कोई सारवान प्रश्न अंतर्वलित है।
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(3) जहां ऐसा प्रमाणपत्र दे दिया गया है वहाँ उस मामले में कोई पक्षकार इस आधार पर उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकेगा कि पूर्वोक्त किसी प्रश्न का विनिश्चय गलत किया गया है। (अनुच्छेद 132)